Home मनोरंजन फेमस होने से पहले पानी से निकली आगे बढ़ने की आग, बड़ी दिलचस्प है Milind Soman की अनसुनी कहानी

फेमस होने से पहले पानी से निकली आगे बढ़ने की आग, बड़ी दिलचस्प है Milind Soman की अनसुनी कहानी

by Jiya Kaushik
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Milind Soman: मिलिंद सोमन की कहानी सिर्फ एक मॉडल या अभिनेता की नहीं, बल्कि एक असली योद्धा की है, जिसने अपने बचपन से ही अनुशासन, मेहनत और आत्मविश्वास को अपनाया.

Milind Soman: मिलिंद सोमन की कहानी सिर्फ एक मॉडल या अभिनेता की नहीं, बल्कि एक असली योद्धा की है, जिसने अपने बचपन से ही अनुशासन, मेहनत और आत्मविश्वास को अपनाया.

Milind Soman: आज मिलिंद सोमन को हम एक सुपरमॉडल, अभिनेता और फिटनेस आइकन के रूप में जानते हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ग्लैमर की दुनिया में कदम रखने से पहले वह एक राष्ट्रीय स्तर के तैराक थे. स्कॉटलैंड में जन्मे और भारत में पले-बढ़े मिलिंद ने बचपन से ही तैराकी में अपनी प्रतिभा साबित की और कई वर्षों तक भारत का नाम रोशन किया. यह कहानी है उस ‘अनदेखे हीरो’ की, जो प्रसिद्धि से बहुत पहले एक सच्चे चैम्पियन बन चुके थे. उनका जीवन दिखाता है कि असली स्टारडम उस समय शुरू होता है, जब आप खुद से लड़ना और खुद को जीतना सीख लेते हैं. प्रसिद्धि उनके लिए मंज़िल नहीं, बल्कि मेहनत की एक खूबसूरत इनामी रेखा थी.

6 साल की उम्र से शुरू हुई पानी से दोस्ती, 10 साल में बने राज्य चैंपियन

मिलिंद सोमन का तैराकी करियर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा. उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में तैराकी शुरू कर दी थी. जब ज़्यादातर बच्चे स्कूल के होमवर्क में उलझे रहते हैं, मिलिंद तब तक रोज़ घंटों पानी में बिताते थे. 10 साल की उम्र तक वे महाराष्ट्र के राज्य चैंपियन बन चुके थे, और यह तो सिर्फ शुरुआत थी. उनका हफ्ते भर का अभ्यास रूटीन बेहद कठोर था — वे हर हफ्ते लगभग 65 किलोमीटर तैरा करते थे. यह आंकड़ा आज के प्रोफेशनल एथलीट्स के लिए भी एक चुनौती है. उन्होंने बताया था कि उनके दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे होती थी और वह स्कूल जाने से पहले ही 3 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर चुके होते थे.

भारत के लाये थे रजत पदक

1984 में, जब काठमांडू में दक्षिण एशियाई खेलों (South Asian Games) का आयोजन हुआ, तब मिलिंद ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में रजत पदक जीता. इस जीत ने न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि भारत को भी गौरव दिलाया. वहीं 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में मिलिंद चार साल तक लगातार राष्ट्रीय चैंपियन बने रहे. उस समय उनकी तकनीक, स्पीड और स्टैमिना की तुलना देश के किसी और तैराक से नहीं की जा सकती थी.

ग्लैमर की दुनिया में जब ‘वॉटर चैंपियन’ ने मारी छलांग

तैराकी में नाम कमाने के बाद, मिलिंद सोमन ने मॉडलिंग में कदम रखा और देखते ही देखते वे देश के टॉप सुपरमॉडल्स में शुमार हो गए. विज्ञापन हो, रैंप वॉक या टीवी कमर्शियल — हर जगह उनकी फिटनेस और आत्मविश्वास का जलवा देखने को मिला. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और वेब सीरीज़ में भी काम किया और एक अभिनेता के रूप में पहचान बनाई. परंतु उन्होंने कभी भी फिटनेस और अनुशासन को अपने जीवन से दूर नहीं होने दिया.

आज भी मिसाल हैं मिलिंद: 1,500 किलोमीटर की दौड़ ने रचा इतिहास

मिलिंद सोमन का जज़्बा केवल युवावस्था तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने 15 घंटे 19 मिनट में आयरनमैन ट्रायथलॉन पूरा करके पूरी दुनिया को चौंका दिया. यह ट्रायथलॉन एक अल्ट्रा-टफ स्पोर्ट्स इवेंट है जिसमें 3.8 किलोमीटर की तैराकी, 180 किलोमीटर की साइकिलिंग और 42.2 किलोमीटर की दौड़ शामिल होती है. इतना ही नहीं, उन्होंने 30 दिनों में 1,500 किलोमीटर दौड़कर “लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” में भी अपना नाम दर्ज करवाया. आज वे हज़ारों लोगों के लिए फिटनेस का प्रतीक बन चुके हैं.

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