Bollywood News: बॉलीवुड और क्रिकेट की दुनिया में कुछ दिग्गज ऐसे हुए जिन्होंने बिना किसी बैकग्राउंड, सिर्फ मेहनत और टैलेंट के दम पर बुलंदियों को छुआ. हैरानी की बात ये है कि इन सितारों के बच्चों को सब कुछ विरासत में मिला- पैसा, नाम, कनेक्शन और प्लेटफॉर्म. इसके बावजूद वे अपनी पहचान नहीं बना सके.
Bollywood News: भारत में जहां फिल्म और क्रिकेट इंडस्ट्री में स्टार बनना लाखों का सपना होता है, वहीं कुछ सितारे ऐसे भी हैं जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर, बिना किसी पहुँच या पैसे के दम पर शून्य से शुरू करके शिखर तक का सफर तय किया. इन्होंने ना सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि एक मिसाल बनकर दिखाया कि असली टैलेंट, मेहनत और लगन क्या होती है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन्हीं महान हस्तियों के बच्चे- जिन्हें विरासत में मिला नाम, शोहरत, पैसा और हर वो सुविधा जो उनके माता-पिता के पास कभी नहीं थी- वो इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान तक नहीं बना सके. मौका मिला, प्लेटफॉर्म मिला, लॉन्चिंग मिली, लेकिन फिर भी नतीजा सिफर.
यहां है ऐसे 7 सुपरस्टार्स की कहानी, जिन्होंने जमीन से उठकर आसमान छुआ, पर अगली पीढ़ी अभी भी जमीन पर पहचान तलाश रही है.
अमिताभ बच्चन – अभिषेक की छाया में खो गई चमक

अमिताभ बच्चन ने सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, देश की पहचान को भी नई ऊँचाई दी. दमदार डायलॉग, गहरी आवाज़ और परफेक्ट स्क्रीन प्रजेंस- वो हर मायने में लीजेंड हैं. लेकिन जब बात अभिषेक बच्चन की आती है, तो दर्शकों की प्रतिक्रिया ठंडी पड़ जाती है. कई मौके मिले, बड़े-बड़े बैनर की फिल्में कीं, पर कोई यादगार छाप नहीं छोड़ पाए. यह पूछना लाज़मी है- क्या नाम और चेहरा ही काफी है.
सचिन तेंदुलकर – अर्जुन के खेल में नहीं दिखी चमक

सचिन तेंदुलकर ने गली क्रिकेट से शुरू करके क्रिकेट का भगवान बनने तक का सफर तय किया. मैदान पर उनका हर शॉट भारत की धड़कन बन गया. लेकिन उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर, जिन्हें ट्रेनिंग, संसाधन, IPL तक की एंट्री सहज रूप से मिली- अब तक एक भी बड़ा मैच नहीं खेल पाए. ना कोई प्रभावशाली पारी, ना ही वो आत्मविश्वास जो उनके पिता की पहचान था.
शत्रुघ्न सिन्हा – लव सिन्हा की गुमनाम एंट्री

“खामोश!” कहने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने 70s-80s में जबरदस्त स्टारडम हासिल किया था. उनका डायलॉग डिलीवरी और दबंग अंदाज़ लोगों के दिलों में बस गया. लेकिन उनके बेटे लव सिन्हा को वो सफलता दूर-दूर तक नसीब नहीं हुई. डेब्यू फिल्म ‘सदियाँ’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी, और उसके बाद उनका करियर लगभग ठहर ही गया.
धर्मेंद्र – बॉबी देओल की अधूरी रफ्तार

धर्मेंद्र ने बिना किसी गॉडफादर के इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई. उनके एक्शन, रोमांस और देसी हीरोइज़्म ने उन्हें ही-मैन बना दिया. बॉबी देओल को इंडस्ट्री में शानदार लॉन्च मिला, लेकिन कुछ फिल्मों के बाद उनका करियर डगमगाने लगा. हालांकि अब आश्रम और एनिमल जैसी सीरीज़ से वापसी की है, लेकिन शुरुआती फेलियर को भुलाया नहीं जा सकता.
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अनिल कपूर – हर्षवर्धन की ठंडी शुरुआत

अनिल कपूर का “झक्कास” अंदाज़, दमदार अभिनय और मेहनत से भरा करियर उन्हें आज भी इंडस्ट्री में प्रासंगिक बनाता है. लेकिन उनके बेटे हर्षवर्धन कपूर, जिन्होंने ‘मिर्ज़्या’ से डेब्यू किया, दर्शकों और आलोचकों दोनों को प्रभावित नहीं कर सके. ना स्क्रिप्ट पसंद आई, ना ही परफॉर्मेंस. अब तक वे एक हिट फिल्म को तरस रहे हैं.
सुनील गावस्कर – रोहन गावस्कर की फीकी बैटिंग

सुनील गावस्कर ने बिना हेलमेट के फास्ट बॉलर्स का सामना करके दुनिया भर में नाम कमाया. वह भारत के पहले टेस्ट लीजेंड माने जाते हैं. उनके बेटे रोहन गावस्कर को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला, लेकिन ना कोई खास स्कोर, ना ही कोई लंबी पारी. वे जल्द ही क्रिकेट जगत से बाहर हो गए, और लोग उन्हें आज भी पिता के नाम से ही जानते हैं.
जैकी श्रॉफ – टाइगर का टैलेंट एकतरफा

जैकी श्रॉफ ने चॉल से निकलकर बॉलीवुड पर राज किया. उनकी भाषा, स्टाइल और अटैट्यूड ने उन्हें जनता का हीरो बना दिया. टाइगर श्रॉफ ने अपनी जगह बनाई जरूर, लेकिन एक्शन और डांस के बाहर उनका अभिनय अक्सर खाली और भावहीन लगता है. दर्शकों का कहना है – “हीरो दिखता है, लेकिन फील नहीं देता.”
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