Home Religious Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 5 मई 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग, करण आदि

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 5 मई 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग, करण आदि

by Rishi
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Aaj Ka Panchang: आज का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि सोमवती अष्टमी का योग बन रहा है, जिसमें व्रत और स्नान-दान का विशेष महत्व होता है.

Aaj Ka Panchang: आज सोमवार, 05 मई 2025 को वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो प्रातः 07:35 बजे तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी. विक्रम सम्वत 2082 कालयुक्त तथा शक सम्वत 1947 विश्वावसु में यह दिन विशेष महत्व रखता है. चन्द्रमास वैशाख पूर्णिमान्त और अमान्त दोनों रूपों में चल रहा है. आज सूर्य मेष राशि में स्थित हैं और उनका नक्षत्र भरणी है. वहीं, चंद्रमा दिन के पहले भाग में कर्क राशि में रहेंगे और दोपहर 02:01 बजे के बाद सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. नक्षत्र की बात करें तो अश्लेषा नक्षत्र दोपहर 02:01 बजे तक रहेगा, उसके बाद मघा नक्षत्र प्रभावी होगा.

दिन की शुरुआत प्रातः 05:37 बजे सूर्योदय के साथ हुई और सूर्यास्त शाम 06:59 बजे होगा. चन्द्रोदय दोपहर 12:38 बजे होगा जबकि चन्द्रास्त अगले दिन यानी 06 मई को प्रातः 02:09 बजे होगा. योग में वृद्धि योग आज रात्रि 12:20 बजे तक प्रभावी रहेगा. करण की स्थिति में बव करण सुबह 07:35 बजे तक, फिर बालव करण रात्रि 08:01 बजे तक और उसके बाद कौलव करण रहेगा.

आज का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि सोमवती अष्टमी का योग बन रहा है, जिसमें व्रत और स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. इसी दिन भगवान शिव और देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है. शुभ मुहूर्त की बात करें तो ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04:12 से 04:55 तक, अभिजित मुहूर्त 11:51 से 12:45 तक और विजय मुहूर्त 02:32 से 03:25 तक रहेगा. वहीं, गोधूलि मुहूर्त 06:58 से 07:19 के बीच और सायाह्न संध्या 06:59 से 08:03 बजे तक रहेगा.

तिथिअष्टमी (07:35 AM तक), फिर नवमी
पक्षशुक्ल पक्ष
चन्द्र मासवैशाख (पूर्णिमान्त / अमान्त दोनों)
विक्रम सम्वत2082 कालयुक्त
शक सम्वत1947 विश्वावसु
सूर्य राशिमेष
सूर्य नक्षत्रभरणी (तीसरा चरण)
चंद्र राशिकर्क (02:01 PM तक), फिर सिंह
चंद्र नक्षत्रअश्लेषा (02:01 PM तक), फिर मघा
योगवृद्धि (12:20 AM, 06 मई तक)
करणबव (07:35 AM तक), फिर बालव (08:01 PM तक), फिर कौलव
ऋतुग्रीष्म (द्रिक), वसन्त (वैदिक)
अयनउत्तरायण
दिनमान13 घंटे 21 मिनट 41 सेकंड
रात्रिमान10 घंटे 37 मिनट 32 सेकंड
सूर्योदय / सूर्यास्त05:37 AM / 06:59 PM
चन्द्रोदय / चन्द्रास्त12:38 PM / 02:09 AM (06 मई)

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त04:12 AM – 04:55 AM
प्रातः संध्या04:33 AM – 05:37 AM
अभिजीत मुहूर्त11:51 AM – 12:45 PM
विजय मुहूर्त02:32 PM – 03:25 PM
गोधूलि मुहूर्त06:58 PM – 07:19 PM
सायाह्न संध्या06:59 PM – 08:03 PM
अमृत काल12:20 PM – 02:01 PM
रवि योग02:01 PM – 05:36 AM (06 मई)

अशुभ समय

राहुकाल07:17 AM – 08:58 AM
यमगण्ड10:38 AM – 12:18 PM
गुलिक काल01:58 PM – 03:38 PM
दुर्मुहूर्त12:45 PM – 01:38 PM, 03:25 PM – 04:18 PM
वर्ज्य02:56 AM – 04:40 AM (06 मई)
गण्ड मूलपूरे दिन (अश्लेषा नक्षत्र)
बाणअग्नि – 04:50 PM तक

योग

आनंदादि योगसौम्य (02:01 PM तक), फिर ध्वांक्ष
तमिल योगसिद्ध (02:01 PM तक), फिर मरण
जीवनमअर्ध जीवन (½), नेत्रम – एक नेत्र (02:01 PM तक), फिर दो नेत्र
दिशा शूलपूर्व
होमाहुति ग्रहशुक्र♀

आज के दिन राहुकाल प्रातः 07:17 से 08:58 तक रहेगा, जिससे इस समय किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए. गुलिक काल दोपहर 01:58 से 03:38 तक तथा यमगण्ड 10:38 से 12:18 तक रहेगा. दुर्मुहूर्त के दो काल होंगे: 12:45 से 01:38 और 03:25 से 04:18 तक.

आज का रवि योग दोपहर 02:01 से अगले दिन प्रातः 05:36 बजे तक प्रभावी रहेगा, जिसे शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है. वहीं, आज का आनन्दादि योग ‘सौम्य’ दोपहर 02:01 बजे तक शुभ रहेगा. तमिल पंचांग के अनुसार सिद्ध योग भी दोपहर 02:01 बजे तक रहेगा.

ग्रहों की दृष्टि से आज का दिन विशेष रूप से पूर्व दिशा में दिशा शूल होने के कारण उस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए. होमाहुति के लिए शुक्र ग्रह को श्रेष्ठ माना गया है. दिनभर गण्ड मूल दोष भी बना हुआ है, अतः जिन जातकों की जन्म राशि पर इसका प्रभाव पड़ता है, वे विशेष पूजा या शांति कराएं.

आज के बाण की स्थिति ‘अग्नि’ है जो शाम 04:50 बजे तक प्रभावी रहेगा. इस अवधि में अग्नि संबंधी कार्यों से परहेज़ करना लाभकारी रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 11:56 से 12:39 तक रहेगा, जो गूढ़ कार्यों और साधना के लिए उत्तम है.

अश्लेषा नक्षत्र के कारण आज गण्ड मूल दोष पूर्ण दिनभर रहेगा. ऐसे में, जिन बच्चों का जन्म इस नक्षत्र में हो, उनके लिए विशेष नक्षत्र शांति की सिफारिश की जाती है.

अतः वैशाख शुक्ल अष्टमी का यह दिन धार्मिक अनुष्ठानों, उपवास, दान और साधना के लिए अत्यंत शुभ है. विशेषकर सोमवती अष्टमी के योग में स्नान-दान और भगवान शिव की आराधना जीवन में सुख-शांति और आरोग्यता प्रदान करती है.

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