Home Lifestyle बारिश के मौसम में भारत की उड़ान भरते हैं खास मेहमान, जानिए कहां होते हैं इनके ठिकाने

बारिश के मौसम में भारत की उड़ान भरते हैं खास मेहमान, जानिए कहां होते हैं इनके ठिकाने

by Jiya Kaushik
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Migratory Bird: भारत में मानसून न केवल खेतों और नदियों में जीवन भरता है, बल्कि कई विदेशी परिंदों को भी आकर्षित करता है. हर साल जून से सितंबर के बीच कुछ खास प्रवासी पक्षी देश के विभिन्न हिस्सों में देखे जाते हैं. यहां हम ऐसे ही 5 प्रमुख मानसूनी प्रवासी पक्षियों और उनके ठिकानों के बारे में बता रहे हैं.

Migratory Bird: भारत में मानसून न केवल खेतों और नदियों में जीवन भरता है, बल्कि कई विदेशी परिंदों को भी आकर्षित करता है. हर साल जून से सितंबर के बीच कुछ खास प्रवासी पक्षी देश के विभिन्न हिस्सों में देखे जाते हैं. यहां हम ऐसे ही 5 प्रमुख मानसूनी प्रवासी पक्षियों और उनके ठिकानों के बारे में बता रहे हैं.

Migratory Bird: भारत में मानसून केवल वर्षा का मौसम नहीं, बल्कि प्रकृति की रंगीनियों का उत्सव भी है. इन प्रवासी पक्षियों की आवाजें और रंग मानसून को और भी जीवंत बना देते हैं. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह समय पक्षियों को देखने और उनका अध्ययन करने का सबसे सुनहरा अवसर होता है.हर साल जून से सितंबर के बीच कुछ खास प्रवासी पक्षी देश के विभिन्न हिस्सों में देखे जाते हैं. यहां हम ऐसे ही 5 प्रमुख मानसूनी प्रवासी पक्षियों और उनके ठिकानों के बारे में बता रहे हैं.

ब्लू-टेल्ड बी ईटर

यह रंगीन और नुकीली चोंच वाला पक्षी दक्षिण एशिया में मानसून के दौरान देखा जाता है. ये पक्षी ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समुद्र तट पर पाए जातें हैं, खासतौर पर चिल्का झील (ओडिशा) और पुलीकट लेक (आंध्र प्रदेश) इसके प्रमुख ठिकाने हैं. यह पक्षी छोटी-छोटी मक्खियों और कीड़ों को हवा में ही पकड़ने में माहिर होता है.

पर्पल हेरॉन

पानी से भरे खेत और दलदली जमीन इसके लिए आदर्श स्थान होते हैं. ये पक्षी भरतपुर और सुंदरबन में पाए जातें हैं. मानसून की शुरुआत के साथ यह पक्षी भारत के राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन डेल्टा में नजर आता है. इसका लंबा गला और शानदार उड़ान इसे भीड़ में अलग करता है.

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ब्रॉन्ज विंग्ड जैकराना

ये पक्षी असम और उत्तर बंगाल में पाए जातें हैं. मानसून के समय विशेष रूप से चाय बागानों के पास की झीलों और जलाशयों में यह पक्षी देखा जाता है. इसके पंखों पर चमकीली कांस्य जैसी झलक होती है और यह अक्सर जलकुंभियों पर चलने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है.

व्हिसलिंग टील

बिना रुके सीटी जैसी आवाज निकालने वाला यह पक्षी मानसून के दौरान दक्षिण भारत की झीलों और नमी वाले क्षेत्रों में दिखाई देता है. ये पक्षी कर्नाटक और तमिलनाडु में पाए जातें हैं. रंगीन चोंच और मधुर आवाज इसकी पहचान है. रन्नेबेन्नूर और वेल्लोर के पास के जलाशय इसके पसंदीदा ठिकाने हैं.

ब्लैक-नेक्ड स्टोर्क

इस विशालकाय पक्षी की खास पहचान है इसकी काली गर्दन और सफेद पंख. यह आमतौर पर मानसून के समय खेतों और नदियों के किनारे दिखता है. ये पक्षी उत्तर प्रदेश और बिहार में पाए जातें हैं.खासतौर पर कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) और दरभंगा (बिहार) इसके बसेरे हैं, जहां यह कीड़े-मकोड़े और छोटी मछलियां खाता है.

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