Home राज्यDelhi मानवाधिकार के बारे में जानेंगे छात्र, आयोग के महासचिव ने कहा- करुणा और न्याय भाव से करें सेवा

मानवाधिकार के बारे में जानेंगे छात्र, आयोग के महासचिव ने कहा- करुणा और न्याय भाव से करें सेवा

by Sanjay Kumar Srivastava
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National Human Rights Commission

भारत के संवैधानिक ढांचे को समझने और सभी के मानवाधिकारों व सम्मान की वकालत करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

New Delhi: देश में मानवाधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नई पहल की है. NHRC का मानना है कि मानवाधिकार के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी से वे अपने जीवन में अधिकारों को समझ नहीं पाते, जिसके कारण उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप (ओएसटीआई) कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 1,795 आवेदकों में से 80 छात्रों को चुना गया है.

सहानुभूति, करुणा और न्याय के पथ-प्रदर्शक हैं युवा

दो सप्ताह के इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण की व्यापक समझ प्रदान करना है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव भरत लाल ने अपने संबोधन में कहा कि युवा भारत की पांच हजार साल पुरानी सभ्यतागत लोकाचार, सहानुभूति, करुणा और न्याय के पथ-प्रदर्शक हैं. उन्होंने छात्रों से न्याय, समानता और सम्मान के राजदूत के रूप में सेवा करने का आग्रह किया. छात्रों को भारत के संवैधानिक ढांचे को समझने और सभी के मानवाधिकारों व सम्मान की वकालत करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने छात्रों से प्रतिक्रिया पर चिंतन पर ध्यान केंद्रित करने और जीवन के उद्देश्य की खोज के साधन के रूप में विशेषज्ञों से सीखने के अवसर का सर्वोत्तम उपयोग करने का भी आग्रह किया.

खुद को तैयार करने के लिए अवसर का पूरा लाभ उठाएं छात्र

उन्होंने इस ऑनलाइन कार्यक्रम के उद्देश्य को भी समझाया ताकि दूरदराज के क्षेत्रों के वे छात्र, जो दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते और यहां नहीं रह सकते, मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीख सकें. उन्होंने छात्रों से मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए खुद को तैयार करने के लिए इस अवसर का पूरा लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने देश में मानवाधिकारों के विकास, संवैधानिक प्रावधानों, मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कार्यप्रणाली, सताए गए लोगों को शरण देने के लिए भारत की सभ्यतागत और सांस्कृतिक प्रकृति पर प्रकाश डाला.

प्रशिक्षुओं को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की मिलेगी जानकारी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत के संयुक्त सचिव समीर कुमार ने इंटर्नशिप कार्यक्रम और सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पाठ्यक्रम का अवलोकन दिया. इसमें व्याख्यान, टीम और व्यक्तिगत प्रतियोगिताएं जैसे समूह अनुसंधान परियोजना प्रस्तुति, पुस्तक समीक्षा और भाषण प्रतियोगिता और तिहाड़ जेल जैसे संस्थानों के आभासी दौरे शामिल हैं, जो मानवाधिकारों की वास्तविकताओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान करते हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक हैं. ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्रों को मानवाधिकार चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इंटरेक्टिव सत्रों और आकर्षक गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, भारत के लिए विशिष्ट मानवाधिकार मुद्दों और प्रभावी वकालत रणनीतियों की गहरी समझ हासिल होगी.

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