US Bill Proposes 5% Tax : अमेरिका अब अपनी पार्लियामेंट में ऐसा बिल लाने की तैयारी में लग गया है जहां पर भारत समेत दुनिया भर के देशों के लोगों को झटका लगने वाला है. इसी कड़ी में सरकार पैसा ट्रांसफर करने पर टैक्स लगाने वाली है.
US Bill Proposes 5% Tax : संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रंप प्रशासन एक नया फरमान लेकर आने वाले हैं और इसे लागू होने के बाद भारतीयों समेत दूसरे देशों के नागरिकों को झटका लगेगा. ट्रंप प्रशासन ने कानून का मसौदा तैयार किया है जिसका नाम ‘द वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ रखा जाएगा और यह गैर-अमेरिकी नागरिकों की तरफ से किसी भी दूसरे के लोगों को पैसा ट्रांसफर करने के लिए 5 फीसदी की टैक्स देना होगा. अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो H-1B और F-1 वीजा, ग्रीन कार्ड धारकों और बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों पर प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाएगा. इसके अलावा वेस्टर्न यूनियन, पेपाल या नियमित बैंकों से ट्रांसफर करने पर टैक्स लगा दिया जाएगा.
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भारत पर पड़ेगा काफी असर
फिलहाल गैर-अमेरिकी देशों के लोगों पर लगने वाले टैक्स के लिए तैयार किया गया प्रस्ताव कांग्रेस से पारित नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि यह कानून जुलाई 2025 में लागू कर दिया जाएगा और यह कानून इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि बाहर जाने वाली संपत्ति को किसी भी तरह से रोका जा सके. इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा धन प्राप्त करने वाला देश है. साल 2023 में 129 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए और अगर अमेरिका से पैसा ट्रांसफर करने पर 5 फीसदी टैक्स लगता है तो इससे सालाना करीब 1.7 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 4.5 मिलियन प्रवासी भारतीय अमेरिका में रहते हैं और इसमें करीब 3.2 मिलियन भारतीय मूल के लोग शामिल हैं.
परिवारों की मदद के लिए भेजते थे राशि
अमेरिका में रहने वाले भारतीय ज्यादातर भारत में अपने परिवार के लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मदद करते हैं. खासकर शिक्षा, चिकित्सा और दैनिक घरेलू खर्चे को पूरा करने के लिए करते हैं. इसके अलावा रियल एस्टेट और बाजार निवेश के लिए धन का प्रमुख स्त्रोत भी हैं. अब ट्रंप टैक्स के बाद हर साल भारतीयों को करीब 1.7 बिलियन डॉलर का झटका लगने वाला है. इससे मध्यम और निम्न आय वर्ग वाले लोगों पर बोझ पड़ेगा. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा या दैनिक जरूरतों को धन पर निर्भर हैं. वहीं, बुजुर्ग माता-पिता या आश्रित रिश्तेदारों को लिए वित्तीय सहायता देने का काम किया जाता था. अब टैक्स नियम लागू होने के बाद उन्हें अतिरिक्त राशि अमेरिकी सरकार को देनी पड़ेगी.
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