सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से यूसुफ पठान के आउट होने पर तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. दोनों ही इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घेर रहे हैं.

TMC on Centre Delegation: तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की तरफ से भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग कर लिया है. इस कड़ी में टीएमसी ने पूर्व क्रिकेट और अपनी पार्टी के नेता यूसुफ पठान को डेलीगेशन में नहीं भेजने का फैसला किया है. टीएमसी द्वारा यूसुफ पठान का नाम वापस लिए जाने पर बवाल मचा है और इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. कई टीएमसी नेता भी इस मुद्दे पर अपनी सफाई दे चुके हैं और केंद्र सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं. कई बीजेपी नेताओं ने भी यूसुफ पठान का नाम वापस लेने पर टीएमसी को घेरा है. इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी काफी भड़के हुए हैं. चिराग पासवान ने कहा , “किसी भी राजनीतिक दल को ऐसे संवेदनशील मुद्दे जिसमें राष्ट्र हित शामिल हो, पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इस तरह का विवाद नहीं होना चाहिए. अगर टीएमसी को कोई शिकायत है तो उस पर आंतरिक रूप से चर्चा संभव है.”

क्या बोलीं ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमारे पास किसी तरह का अनुरोध नहीं आया. अगर केंद्र की तरफ से कोई अनुरोध हमारे पास आया होता तो जाहिर तौर पर टीएमसी उसपर विचार करती. हम पूरी तरह से देश के ही पक्ष में हैं. विदेश मामलों पर टीएमसी ने शुरू से ही केंद्र की नीति का समर्थन किया है. मौजूदा वक्त में भी हम केंद्र सरकार के विचारों और कार्यों का समर्थन ही कर रहे हैं लेकिन केंद्र अपने दम पर सदस्यों का नाम तय नहीं कर सकता. ये बिल्कुल भी केंद्र की पसंद नहीं हो सकती. अगर उन लोगों ने मुझसे किसी को भेजने का अनुरोध किया तो जाहिर तौर पर हम नाम तय करेंगे और उन्हें अंतिम निर्णय बताएंगे. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि केंद्र सरकार का बहिष्कार कर रहे हैं या नहीं जा रहे है.”

क्या बोले अभिषेक बनर्जी?
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मैं साफ करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार आतंकवाद से निपटने, देश की संप्रभुता की रक्षा करने, पार्टी के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए जो भी निर्णय लेगी, हम उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे. जिस तरह से पाकिस्तान ने भारत की शांति को बाधित करने की कोशिश की, टीएमसी उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है. अगर भारत की तरफ से दुनिया के कई देशों में डेलीगेशन भेजा जा रहा है तो वहां कौन जाएगा, इसका फैसला टीएमसी करेगी. केंद्र सरकार एकतरफा कोई भी फैसला नहीं कर सकती. डेलीगेशन में टीएमसी के कौन नेता जाएंगे इसका फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा.”
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