Aaj Ka Panchang: आज भरणी नक्षत्र प्रातः 08:23 तक रहेगा, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र आरंभ हो जाएगा. चन्द्रमा का गोचर आज मेष राशि में दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा.
Aaj Ka Panchang: आज दिनांक 26 मई 2025, दिन सोमवार है, विक्रम सम्वत 2082 कालयुक्त के अनुसार आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. यह तिथि दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी. आज चन्द्रमा सुबह 05:05 बजे, 27 मई को उदित होगा और चन्द्रास्त शाम 06:35 बजे होगा. वहीं सूर्य का उदय प्रातः 05:25 पर हुआ है और सूर्यास्त सायं 07:11 बजे होगा.
आज भरणी नक्षत्र प्रातः 08:23 तक रहेगा, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र आरंभ हो जाएगा. चन्द्रमा का गोचर आज मेष राशि में दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा, उसके बाद वह वृषभ राशि में प्रवेश करेगा. सूर्य पहले से ही वृषभ राशि में स्थित हैं और उनका नक्षत्र है रोहिणी. आज शोभन योग प्रातः 07:02 बजे तक रहेगा, इसके बाद अतिगण्ड योग 27 मई की सुबह 02:55 बजे तक प्रभावी रहेगा.
आज के करणों में शकुनि करण दोपहर 12:11 बजे तक रहेगा, फिर चतुष्पाद करण रात्रि 10:21 बजे तक और अंत में नाग करण आरंभ होगा. आज के शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त 04:03 से 04:44 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त 11:51 से 12:46 तक, विजय मुहूर्त 02:36 से 03:31 तक और गोधूलि मुहूर्त 07:10 से 07:31 बजे तक रहेगा. वहीं अमृत काल 27 मई को तड़के 03:25 से 04:50 बजे तक प्रभावी रहेगा.
| दिन व तिथि | दिन | सोमवार |
| तारीख | 26 मई 2025 | |
| स्थान | नई दिल्ली, भारत | |
| सम्वत व मास | विक्रम सम्वत | 2082 कालयुक्त |
| शक सम्वत | 1947 विश्वावसु | |
| बृहस्पति संवत्सर | कालयुक्त | |
| गुजराती सम्वत | 2081 नल | |
| चन्द्रमास (पूर्णिमान्त) | ज्येष्ठ | |
| चन्द्रमास (अमान्त) | वैशाख | |
| पक्ष | कृष्ण पक्ष | |
| तिथि | चतुर्दशी (12:11 PM तक), फिर अमावस्या | |
| सूर्य व चन्द्र | सूर्य राशि | वृषभ |
| चन्द्र राशि | मेष (01:40 PM तक), फिर वृषभ | |
| सूर्य नक्षत्र | रोहिणी | |
| चन्द्र नक्षत्र | भरणी (08:23 AM तक), फिर कृत्तिका | |
| सूर्योदय व चन्द्रोदय | सूर्योदय | 05:25 AM |
| सूर्यास्त | 07:11 PM | |
| चन्द्रोदय | 05:05 AM (27 मई) | |
| चन्द्रास्त | 06:35 PM | |
| योग व करण | योग | शोभन (07:02 AM तक), फिर अतिगण्ड |
| करण | शकुनि (12:11 PM तक), फिर चतुष्पाद, फिर नाग | |
| नक्षत्र पद | भरणी | 08:23 AM तक (4th पद) |
| कृत्तिका | 01:40 PM तक (1st पद), फिर 2nd-4th पद | |
| सूर्य नक्षत्र पद | रोहिणी (1st पद), कृत्तिका (2nd-4th पद) | |
| ऋतु व अयन | द्रिक ऋतु | ग्रीष्म |
| वैदिक ऋतु | वसन्त | |
| अयन (द्रिक/वैदिक) | उत्तरायण | |
| दिनमान | 13 घंटे 46 मिनट | |
| रात्रिमान | 10 घंटे 13 मिनट | |
| शुभ मुहूर्त | ब्रह्म मुहूर्त | 04:03 AM – 04:44 AM |
| प्रातः सन्ध्या | 04:24 AM – 05:25 AM | |
| अभिजित मुहूर्त | 11:51 AM – 12:46 PM | |
| विजय मुहूर्त | 02:36 PM – 03:31 PM | |
| गोधूलि मुहूर्त | 07:10 PM – 07:31 PM | |
| अमृत काल | 03:25 AM – 04:50 AM (27 मई) | |
| निशिता मुहूर्त | 11:58 PM – 12:39 AM (27 मई) | |
| अशुभ समय | राहुकाल | 07:09 AM – 08:52 AM |
| यमगण्ड काल | 10:35 AM – 12:18 PM | |
| गुलिक काल | 02:02 PM – 03:45 PM | |
| दुर्मुहूर्त | 12:46 PM – 01:41 PM, 03:31 PM – 04:26 PM | |
| वर्ज्य | 06:58 PM – 08:22 PM | |
| बाण | मृत्यु (10:39 AM तक), फिर अग्नि रातभर | |
| योग (अन्य) | आनन्दादि योग | चर (08:23 AM तक), फिर स्थिर |
| तमिल योग | सिद्ध (08:23 AM तक), फिर अमृत | |
| अन्य जानकारी | होमाहुति | केतु |
| दिशा शूल | पूर्व |
यदि अशुभ समय की बात करें तो राहुकाल प्रातः 07:09 से 08:52 बजे तक रहेगा. यमगण्ड काल 10:35 से 12:18 तक और गुलिक काल दोपहर 02:02 से 03:45 तक रहेगा. दुर्मुहूर्त दो बार आएगा, पहला दोपहर 12:46 से 01:41 तक और दूसरा 03:31 से 04:26 तक रहेगा. आज वर्ज्य काल शाम 06:58 से 08:22 बजे तक रहेगा.
बात करें बाण योग की तो आज मृत्यु बाण सुबह 10:39 तक रहेगा, उसके बाद अग्नि बाण प्रभावी रहेगा जो पूरी रात तक चलेगा. आज का आनन्दादि योग प्रातः 08:23 तक चर रहेगा और फिर स्थिर योग प्रभाव में आएगा. तमिल योग की दृष्टि से सिद्ध और अमृत योग आज के दिन को शुभ बनाते हैं.
ऋतुओं की दृष्टि से आज द्रिक ऋतु ग्रीष्म है जबकि वैदिक ऋतु वसन्त मानी जा रही है. अयन की बात करें तो आज सूर्य उत्तरायण में है और मध्याह्न 12:18 पर होगा. आज का दिनमान 13 घंटे 46 मिनट और रात्रिमान 10 घंटे 13 मिनट है. दिशा शूल पूर्व दिशा में है अतः इस दिशा में यात्रा करने से पूर्व आवश्यक सावधानी अवश्य बरतें.
आज का दिन ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी होने के कारण धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है. यह दिन पितरों की शांति के लिए पूजन और जलदान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही, अमावस्या की पूर्व संध्या होने से यह समय तंत्र-साधना, शनि पूजन तथा देव-पितृ तर्पण के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
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