Shani Jayanti 2025: शनि जयंती 2025 पर शुद्ध आचरण, सात्विक भोजन, दान-पुण्य और संयम से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है. इस दिन इन गलतियों से बचकर आप न केवल उनके क्रोध से बच सकते हैं बल्कि उनकी कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं.
Shani Jayanti 2025: हर साल आने वाली शनि जयंती सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि खुद को कर्मों की कसौटी पर परखने का अवसर है. न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने का यह दिन उन लोगों के लिए विशेष मायने रखता है जो साढ़ेसाती, ढैया या शनि की महादशा से गुजर रहे होते हैं. परंतु, मान्यता है कि इस शुभ तिथि पर कुछ विशेष गलतियां करने से शनि देव अप्रसन्न हो सकते हैं. याद रखें शनिदेव कर्मों के देवता हैं, उन्हें भक्ति के साथ-साथ आपके व्यवहार से भी प्रसन्न किया जा सकता है.
अगर आप भी शनि की कृपा पाना चाहते हैं, तो जानिए 27 मई 2025 को आने वाली शनि जयंती पर किन पांच कार्यों से बचना चाहिए- ताकि आपके जीवन में सुख, सफलता और शांति बनी रहे.
बाल और नाखून काटना
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि जयंती जैसे पवित्र दिन शरीर की प्राकृतिक अवस्था से छेड़छाड़ करना अशुभ माना जाता है. बाल और नाखून काटना इस दिन त्याज्य होता है क्योंकि यह आत्मिक शुद्धि को भंग करता है. धार्मिक दृष्टि से इस दिन संयम और साधना का पालन करना चाहिए.
तेल का दान

शनि देव को तिल का तेल अत्यंत प्रिय है, लेकिन अगर आप दान कर रहे हैं तो ध्यान दें कि तेल शुद्ध, नया और साफ हो. जूठा या खराब तेल अर्पित करना अशुद्धता का प्रतीक माना जाता है, जो शनि को अप्रसन्न कर सकता है. दान करते समय मन में भक्ति और विनम्रता अवश्य रखें.
किसी का अपमान न करें

शनि देव करुणा और न्याय के प्रतीक हैं, वे अन्याय सहन नहीं करते. इस दिन किसी गरीब, वृद्ध, विकलांग या सेवक वर्ग के व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार करना आपके पुण्य के स्थान पर पाप जोड़ सकता है. शनि जयंती के दिन सभी से प्रेम, करुणा और सम्मानपूर्वक व्यवहार करें.
तामसिक भोजन से करें परहेज

इस दिन सात्विक आहार लेना ही श्रेष्ठ माना जाता है. मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन जैसे तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. शुद्ध, हल्का और पौष्टिक आहार ही मन को स्थिर और शांत बनाता है, जो शनि की कृपा पाने के लिए आवश्यक है.
क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें

क्रोध, घृणा, जलन और चिड़चिड़ापन, ये सभी भावनाएं शनि की दृष्टि को नाराज कर सकती हैं. शनि जयंती पर ध्यान, जप और सकारात्मक सोच के साथ दिन व्यतीत करें. ऐसा करने से शनि की दृष्टि शुभफलकारी बनती है.
कब है शनि जयंती?

पंचांग के अनुसार, इस बार शनि जयंती मंगलवार, 27 मई 2025 को मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर 27 मई की रात 8:31 बजे तक रहेगी. इस दिन शनि मंत्रों का जाप, पीपल की पूजा, काली वस्तुओं का दान, और सच्चे मन से व्रत करना विशेष फलदायी होता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिषीय तथ्यों और परंपराओं पर आधारित है. इसका उद्देश्य जन-सामान्य को जानकारी देना है. यहां दी गई किसी भी धार्मिक क्रिया या उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या पुरोहित से परामर्श अवश्य लें.
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