प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरते हुए राज्य के युवाओं से भविष्य तय करने की बात कही.
PM Modi Slams TMC on Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता सरकार को पहले भी कई मौकों पर केंद्र सरकार घेर चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस और सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साध चुके हैं और इसकी बानगी एक बार फिर गुरुवार को देखने को मिली. पीएम मोदी ने बंगाल के कूच बिहार डिस्ट्रिक्ट में CGD यानी कि सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना की आधारशिला भी रखी. CGD परियोजना की लागत 1010 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. इस परियोजना का टारगेट MWP के तहत 19 CNG स्टेशन स्थापित करके करीब ढाई लाख घरों तक सीएनजी गैस प्रोवाइड करना बताया जा रहा है.
मुर्शिदाबाद और मालदा पर कही ये बात
पीएम मोदी ने कहा, “यहां मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ, मालदा में जो कुछ हुआ वो यहां की सरकार की निर्ममता का उदाहरण है. दंगों में गरीब माताओं-बहनों की जीवन भर की पूंजी राख कर दी गई. तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट दे दी गई. जब सरकार चलाने वाले एक पार्टी के लोग, विधायक, कॉर्पोरेटर ही लोगों के घरों को चिह्नित करके जलाते हैं और पुलिस तमाशा देखती है तो भयावह स्थिति की कल्पना की जा सकती है. मैं बंगाल की जनता से पूछता हूं कि क्या सरकारें ऐसे चलती हैं?” बता दें कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों समेत पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी जमकर हिंसा हुई थी. मुर्शिदाबाद में भीषण होती हिंसा पर केंद्र सरकार ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरा था. केंद्र ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार बताते हुए निशाना साधा था. मुर्शिदाबाद हिंसा पर एसआईटी का भी गठन किया गया था. वहीं ममता लगातार ये कहती दिखीं थीं कि केंद्र सरकार जानबूझकर लोगों को भ्रमित कर रही है.
बंगाल के नौजवानों से क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी यहीं नहीं रुके और एक के बाद एक वार करते हुए युवाओं से भी बड़ी अपील करते हुए कहा, “यह समय पश्चिम बंगाल के लिए बहुत अहम है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के हर नौजवान पर, आप सब पर बहुत बड़ा दायित्व है. आप सबको मिलकर बंगाल का भविष्य तय करना है. आज पश्चिम बंगाल एक साथ कई संकटों से घिरा हुआ है. एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है. दूसरा संकट माताओं-बहनों की असुरक्षा का है. उन पर हो रहे जघन्य अपराधों का है. तीसरा संकट नौजवानों में फैल रही घोर निराशा का है. बेतहाशा बेरोजगारी का है. चौथा संकट घंघोर भ्रष्टाचार का है. यहां के प्रशासन पर लगातार कम होते जन विश्वास का है और पांचवा संकट गरीबों का हक छीनने वाली सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है.”
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