BRICS 2025: PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन चुका है. उन्होंने पहलगाम हमले को भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा प्रहार बताया.
BRICS 2025: रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत आवाज बुलंद की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता पर हमला करार दिया. ब्रिक्स देशों ने संयुक्त घोषणापत्र में इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुटता का संकल्प दोहराया. यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका माना जा रहा है, क्योंकि ब्रिक्स में शामिल कई मुस्लिम देशों ने भी भारत का साथ दिया.
आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन चुका है. उन्होंने पहलगाम हमले को भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा प्रहार बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद की निंदा एक सिद्धांत होना चाहिए, न कि सुविधा पर आधारित. मोदी ने आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में किसी भी तरह की हिचकिचाहट को अस्वीकार्य बताया और कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता. उन्होंने उन मित्र देशों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस दुख की घड़ी में भारत के साथ एकजुटता दिखाई.
पहलगाम हमला एक आपराधिक और अक्षम्य कृत्य था
ब्रिक्स के संयुक्त बयान में कहा गया कि पहलगाम हमला एक आपराधिक और अक्षम्य कृत्य था, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए. ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों, जिसमें सीमा पार आतंकवाद, टेरर फाइनेंसिंग और आतंकियों को सुरक्षित पनाह देना शामिल है, की कड़ी भर्त्सना की. बयान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत आतंकवाद से निपटने की जिम्मेदारी पर जोर दिया गया. यह बयान पाकिस्तान के लिए करारा जवाब है, जो अक्सर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों का सामना करता रहा है.
QUAD ने भी की थी पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
इससे पहले, 1 जुलाई को क्वाड (QUAD) समूह की बैठक में भी भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने पहलगाम हमले की निंदा की थी. क्वाड और ब्रिक्स, दोनों मंचों से मिले समर्थन ने भारत की कूटनीतिक ताकत को और मजबूत किया है. ब्रिक्स संसदीय मंच में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया, जिसे सभी 10 सदस्य देशों ने समर्थन दिया. इन देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स मंच से वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एकजुट कार्रवाई की अपील की. उन्होंने गाजा की स्थिति पर चिंता जताते हुए शांति स्थापना के प्रयासों पर बल दिया. साथ ही, उन्होंने अगले साल भारत में होने वाली ब्रिक्स समिट के लिए सभी देशों को आमंत्रित किया. यह सम्मेलन भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और मजबूत करने का अवसर होगा.
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