Aaj Ka Panchang: ज्येष्ठा नक्षत्र के चारों चरण क्रमशः सुबह 7:45 बजे, दोपहर 2:17 बजे, रात 8:47 बजे और अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक रहेंगे.
Aaj Ka Panchang: 8 जुलाई 2025 को मंगलवार के दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर के अंतर्गत मनाई जा रही है. यह दिन धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि पंचांग के विभिन्न पहलू जैसे तिथि, नक्षत्र, योग, करण, और शुभ-अशुभ समय जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करते हैं. इस दिन के सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त और अन्य ज्योतिषीय जानकारी को समझना हर उस व्यक्ति के लिए आवश्यक है, जो अपने कार्यों को शास्त्रसम्मत और शुभ समय में संपन्न करना चाहता है.
आइए, इस दिन के पंचांग और ज्योतिषीय विवरण को विस्तार से जानते हैं.पंचांग और तिथि-नक्षत्र का महत्व. इस दिन त्रयोदशी तिथि अगले दिन सुबह 12:38 बजे तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी. नक्षत्र में ज्येष्ठा नक्षत्र अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक प्रभावी रहेगा, जिसके बाद मूल नक्षत्र शुरू होगा.
ज्येष्ठा नक्षत्र के चारों चरण क्रमशः सुबह 7:45 बजे, दोपहर 2:17 बजे, रात 8:47 बजे और अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक रहेंगे, जबकि मूल नक्षत्र का पहला चरण सुबह 3:15 बजे से शुरू होगा. योग में शुक्ल योग रात 10:17 बजे तक रहेगा, इसके बाद ब्रह्म योग प्रारंभ होगा. करण में कौलव सुबह 11:57 बजे तक, फिर तैतिल और गर करण प्रभावी होंगे.
चंद्र राशि वृश्चिक अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक रहेगी, जिसके बाद धनु राशि शुरू होगी. सूर्य मिथुन राशि में और पुनर्वसु नक्षत्र के पहले चरण में रहेगा. यह ज्योतिषीय संयोजन धार्मिक अनुष्ठानों, व्यापारिक कार्यों और व्यक्तिगत निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण है.सूर्योदय, चंद्रोदय और ऋतु का प्रभाव.
इस दिन सूर्योदय सुबह 5:30 बजे और सूर्यास्त शाम 7:23 बजे होगा. चंद्रोदय शाम 5:33 बजे और चंद्रास्त अगले दिन सुबह 3:39 बजे होगा. दिन का समय 13 घंटे 52 मिनट 45 सेकंड और रात का समय 10 घंटे 7 मिनट 42 सेकंड रहेगा.
वैदिक पंचांग के अनुसार, यह समय ग्रीष्म ऋतु और उत्तरायण का है, जबकि द्रिक पंचांग में वर्षा ऋतु और दक्षिणायन प्रभावी हैं. ये मौसमी और आयनिक परिवर्तन कृषि, स्वास्थ्य और धार्मिक कार्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं.शुभ मुहूर्त और कार्यों के लिए उपयुक्त समय. इस दिन कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं.
मुहूर्त सुबह 4:09 से 4:49 बजे तक, प्रातः संध्या सुबह 4:29 से 5:30 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:58 से 12:54 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:45 से 3:40 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 7:21 से 7:42 बजे तक, सायाह्न संध्या शाम 7:23 से 8:23 बजे तक, अमृत काल शाम 5:42 से 7:26 बजे तक, निशिता मुहूर्त रात 12:06 से 12:47 बजे तक (9 जुलाई को), और रवि योग अगले दिन सुबह 3:15 से 5:30 बजे तक रहेगा.
ये समय पूजा, हवन, गृह प्रवेश, व्यापार शुरू करने और अन्य शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त हैं.अशुभ समय और सावधानियां. कुछ समय अशुभ माने गए हैं, जिनमें महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए. राहुकाल दोपहर 3:54 से 5:38 बजे तक, यमगंड सुबह 8:58 से 10:42 बजे तक, गुलिक काल दोपहर 12:26 से 2:10 बजे तक, विडाल योग अगले दिन सुबह 3:15 से 5:30 बजे तक, वर्ज्य सुबह 7:16 से 9:01 बजे तक, दुर्मुहूर्त सुबह 8:16 से 9:12 बजे तक और रात 11:26 से अगले दिन सुबह 12:06 बजे तक रहेगा.
गण्ड मूल पूरे दिन प्रभावी रहेगा, जो कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. बाण में रज सुबह 8:17 बजे से पूरे दिन और विंछुड़ो सुबह 5:30 से अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक रहेगा. इस दिन दिशा शूल उत्तर दिशा में है, इसलिए इस दिशा में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है. होमाहुति शनि ग्रह को समर्पित है, जो धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व रखता है.आनंदादि और तमिल योग का प्रभाव. आनंदादि योग में मुद्गर योग अगले दिन सुबह 3:15 बजे तक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है, इसके बाद छत्र योग शुरू होगा, जो शुभ है.तमिल योग में मरण योग सुबह 3:15 बजे तक रहेगा, फिर सिद्ध योग शुरू होगा. जीवनम में पूर्ण जीवन और नेत्रम में दो नेत्र प्रभावी रहेंगे, जो शुभ संकेत हैं. ये योग धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं.निष्कर्ष.
8 जुलाई 2025 का पंचांग धार्मिक, ज्योतिषीय और सामाजिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश प्रदान करता है. शुभ मुहूर्तों का उपयोग करके व्यक्ति अपने कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकता है, जबकि अशुभ समय में सावधानी बरतना आवश्यक है. यह दिन विशेष रूप से पूजा, ध्यान और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त है, बशर्ते पंचांग के नियमों का पालन किया जाए.
ये भी पढ़ें..सावन 2025 में शिवलिंग स्थापना: शिव पुराण से जानें घर में शिवलिंग रखने की सही विधि और पूजा का तरीका
