राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि जेई एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो क्यूलेक्स मच्छरों द्वारा फैलता है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जेई के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है.
Kohima: नागालैंड में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. इस संबंध में सरकार ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. नागालैंड में इस साल अब तक जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के नौ मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक सार्वजनिक परामर्श जारी कर सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया है.
गंभीर वायरल संक्रमण है जेई
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि खासकर मानसून के मौसम में, जब मच्छर जनित बीमारियों का खतरा अपने चरम पर होता है. राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि जेई एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो क्यूलेक्स मच्छरों द्वारा फैलता है. यह मच्छर धान के खेतों और तालाबों जैसे रुके हुए जल स्रोतों में पनपते हैं. यह बीमारी मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकती है और गंभीर जटिलताएं या मृत्यु का कारण बन सकती है. विभाग ने कहा कि प्रत्येक लक्षणयुक्त जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) मामले में 300 से 1000 लक्षणरहित संक्रमण होने की संभावना है.
फॉगिंग अभियान चलाने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे मामलों की शीघ्र पहचान और निवारक कार्रवाई के महत्व पर बल दिया. सूअर जो प्रवर्धित मेज़बान के रूप में कार्य करते हैं, संचरण चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जेई के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है. चिकित्सा लक्षणों के प्रबंधन पर केंद्रित है. सूबे में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्वास्थ्य इकाइयों को रोग निगरानी को मजबूत करने, फॉगिंग अभियान चलाने और जन जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी या भ्रम की स्थिति में व्यक्ति तुरंत चिकित्सा सहायता लें और अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर जाए.
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