आरोपी ढिल्लो अपनी कार तेज चला रहा था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फौजा सिंह को टक्कर मारने के बाद वह डर गया था. इसलिए उसने मौके पर अपनी कार नहीं रोकी.
Chandigarh: पुलिस ने दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह (114) को कुचलने वाले कार चालक को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी चालक कनाडा में रहता है. वह अभी तीन हफ्ते पहले ही अपने घर पंजाब लौटा था. जालंधर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरविंदर सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह ढिल्लों (26) को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई है. अधिकारी ने बताया कि करतारपुर का रहने वाला ढिल्लों टूरिस्ट वीजा पर कनाडा गया था, लेकिन उसे वहां वर्क परमिट मिल गया, जो 2027 तक वैध है. उन्होंने बताया कि आरोपी पिछले महीने के अंत में भारत आया था. उसे करतारपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया.
सड़क पार कर रहे फौजा सिंह को मारी थी टक्कर
एसएसपी ने संवाददाताओं को बताया कि ढिल्लो किसी काम से जल्दी में होने के कारण अपनी कार तेज चला रहा था. सिंह ने कहा कि फौजा सिंह को टक्कर मारने के बाद वह डर गया था और इसलिए उसने मौके पर अपनी कार नहीं रोकी. आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने घटना वाले दिन कार का एक टायर बदलवाया था. पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि उसकी कार तेज गति से चल रही थी जब उसने सड़क पार कर रहे फौजा सिंह को टक्कर मार दी. एसएसपी ने कहा कि दुर्घटना के समय वाहन को रोकना ढिल्लों की जिम्मेदारी थी और उन्हें फौजा सिंह को अस्पताल ले जाना चाहिए था. चालक ढिल्लों ने कथित तौर पर पंजाब के जालंधर जिले में अनुभवी धावक के पैतृक गांव बियास में राजमार्ग पर फौजा सिंह (114) को टक्कर मार दी थी. घटना के समय फौजा सिंह जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर पैदल जा रहे थे और सोमवार शाम को उनकी मौत हो गई.
पंजाब में पंजीकृत वाहन की पुलिस ने की पहचान
ग्रामीणों के अनुसार, वाहन की टक्कर से सिंह पांच से सात फीट हवा में उछल गए थे. हादसे के बाद पुलिस ने कार चालक के खिलाफ सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना और गैर इरादतन हत्या के तहत FIR दर्ज की. एसएसपी सिंह ने मंगलवार को पीटीआई को बताया था कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और दुर्घटनास्थल से बरामद वाहन की हेडलाइट के टुकड़ों से पंजाब में पंजीकृत टोयोटा फॉर्च्यूनर वाहन की पहचान कर ली है. सभी दलों के नेताओं ने मैराथन धावक के निधन पर शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने अनोखे व्यक्तित्व और भारत के युवाओं को फिटनेस के प्रति प्रेरित करने के तरीके के कारण वह असाधारण थे. फौजा सिंह के निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने अपनी लंबी दूरी की दौड़ से दुनिया भर के सिख समुदाय के साथ-साथ भारत को गौरवान्वित किया. हरियाणा के उनके समकक्ष नायब सिंह सैनी ने कहा कि फौजा सिंह के निधन की खबर बेहद दुखद है.
पंजाब विधानसभा में दी गई श्रद्धांजलि
पंजाब विधानसभा में मंगलवार को फौजा सिंह को श्रद्धांजलि दी गई. व्यापक रूप से प्रशंसित 114 वर्षीय फ़ौजा सिंह का मैराथन धावक के रूप में करियर 89 वर्ष की आयु में शुरू हुआ और उन्हें एक वैश्विक प्रतीक का दर्जा प्राप्त हुआ, जहां उनकी सहनशक्ति और एथलेटिक क्षमता के लिए उन्हें “टर्बन्ड टॉरनेडो” उपनाम दिया गया. 1911 में एक किसान परिवार में जन्मे, फ़ौजा सिंह चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. वे मैराथन पूरी करने वाले पहले सौ वर्ष के व्यक्ति बने, और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए कई रिकॉर्ड बनाए.
धावक के सम्मान में रखा गया था टोरंटो आमंत्रण मीट का नाम
उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क और हांगकांग की प्रसिद्ध मैराथनों सहित कई मैराथनों में भाग लिया. कमजोर पैरों के साथ पैदा हुए 90 से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए कुछ शानदार समय निकालकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया. उनकी सबसे यादगार दौड़ों में से एक 2011 की थी जब वह 100 वर्ष के हुए. टोरंटो में आमंत्रण मीट का नाम उनके सम्मान में रखा गया और उन्होंने अपने आयु वर्ग के लिए कई विश्व रिकॉर्ड तोड़े. उन्होंने अपने करियर का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में बिताया था और सेवानिवृत्त होने के लगभग तीन साल पहले ही अपनी जड़ों की ओर लौटे थे.
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