Home Lifestyle तुर्की-अजरबैजान को दिखाया ठेंगा, मालदीव को किया बाहर; भारतीय टूरिस्ट्स ने बदल दी इंटरनेशनल ट्रैवल की तस्वीर!

तुर्की-अजरबैजान को दिखाया ठेंगा, मालदीव को किया बाहर; भारतीय टूरिस्ट्स ने बदल दी इंटरनेशनल ट्रैवल की तस्वीर!

by Jiya Kaushik
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Indian Tourists Boycott these Country: ‘अब टूरिज़्म में भी भारत ने दिखा दिया दम!’ तुर्की, अजरबैजान और मालदीव जैसे देश जहां पहले भारतीयों के भरोसे ट्रैवल इंडस्ट्री चलाते थे, अब नए जमाने का भारतीय टूरिस्ट अपनी शर्तों पर डेस्टिनेशन चुनता है.

Indian Tourists Boycott these Country: भारतीय टूरिस्ट अब सिर्फ फोटो नहीं, पॉलिटिक्स भी देख रहे हैं. कभी तुर्की, अजरबैजान और मालदीव जैसे देशों की पहली पसंद रहे भारतीय यात्रियों ने अब इन डेस्टिनेशन्स से मुंह मोड़ लिया है. अब उनकी नज़र वियतनाम, इंडोनेशिया और मिस्र जैसे नए बजट-फ्रेंडली हॉटस्पॉट्स पर टिकी है.

एक वक्त के फेवरिट थे, तुर्की-अजरबैजान

तुर्की और अजरबैजान अपनी कल्चरल रिचनेस, खूबसूरत लैंडस्केप और सस्ते ट्रैवल पैकेज की वजह से भारतीयों की पसंदीदा इंटरनेशनल ट्रैवल डेस्टिनेशन में शामिल थे.

अब क्या बदला?
• ऑपरेशन सिंदूर के बाद नाराज़गी: जब इन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया, तो भारत में गुस्से की लहर दौड़ गई. भारतीय टूरिस्ट्स ने इनका बायकॉट शुरू कर दिया.
• वीजा एप्लिकेशन में भारी गिरावट: रिपोर्ट्स के अनुसार, मई 2025 में वीज़ा एप्लिकेशन में 42% की गिरावट दर्ज की गई.
• तुर्की में इंडियन टूरिस्ट्स की संख्या घटी 24%
• अजरबैजान में गिरावट रही 21%

मालदीव जैसी लग्जरी डेस्टिनेशन की चमक भी फीकी पड़ी

समंदर के किनारे प्राइवेट विला, हनीमून स्पॉट और लग्जरी रिसॉर्ट्स ने मालदीव को एक स्वर्ग बना दिया था.

अब क्यों गिरा ग्राफ?
• राजनीतिक तनाव: मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के भारत-विरोधी रुख और भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग के बाद संबंधों में खटास आ गई.
• #BoycottMaldives ट्रेंड: सोशल मीडिया पर “विजिट लक्षद्वीप” जैसे कैंपेन ने मालदीव को बड़ा झटका दिया.
• परिणाम:
• मालदीव जाने वाले भारतीय टूरिस्ट्स की संख्या घटी 38% से 41%
• वहीं, लक्षद्वीप टूरिज्म में हुआ दोगुना इजाफा

ये देश बने नई पसंद

भारतीयों का ध्यान अब उन देशों की ओर तेजी से बढ़ रहा है जो सस्ते, सुंदर और स्वागतयोग्य हैं. खासकर ऐसे देश, जहां यात्रा करना न सिर्फ आसान है बल्कि जेब पर भी हल्का पड़ता है. वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों में वीज़ा ऑन अराइवल या आसान वीज़ा प्रोसेस की सुविधा ने इन गंतव्यों को और अधिक लोकप्रिय बना दिया है. साथ ही, कई रूट्स पर डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू हो चुकी हैं, जिससे कनेक्टिविटी पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो गई है. उदाहरण के लिए, मुंबई से जकार्ता के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स जैसे ऑप्शंस अब ट्रैवल को बेहद सुविधाजनक बना रहे हैं.

इन देशों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां बजट फ्रेंडली वेकेशन प्लान किया जा सकता है. रहना, खाना और लोकल ट्रांसपोर्ट सब कुछ बेहद किफायती है, जिससे भारतीय पर्यटकों को मनचाही छुट्टियां मनाने का अवसर मिल रहा है. इसके अलावा, इन देशों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता भी आकर्षण का बड़ा कारण बन रही है. ट्रॉपिकल बीचेस, वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स और रंगीन स्थानीय परंपराएं भारतीय यात्रियों को एक अनोखा अनुभव देती हैं, जो उन्हें बार-बार खींच लाती हैं. यही वजह है कि वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे डेस्टिनेशन अब भारतीय ट्रैवलर्स की हॉलिडे लिस्ट में टॉप पर हैं.

अब पॉलिटिक्स भी है ट्रैवल चॉइस का हिस्सा

भारतीय ट्रैवलर अब सिर्फ डेस्टिनेशन नहीं देखते, बल्कि वहां की राजनीतिक सोच और व्यवहार भी ध्यान में रखते हैं. साथ ही, बजट, सुविधा और अनुभव भी पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है.

“अब टूरिज़्म में भी भारत ने दिखा दिया दम!” तुर्की, अजरबैजान और मालदीव जैसे देश जहां पहले भारतीयों के भरोसे ट्रैवल इंडस्ट्री चलाते थे, अब नए जमाने का भारतीय टूरिस्ट अपनी शर्तों पर डेस्टिनेशन चुनता है, वियतनाम, इंडोनेशिया, मिस्र जैसे देश अब उन्हें ज्यादा ‘वैल्यू फॉर मनी’ और सम्मान दे रहे हैं और यही है आज का नया ट्रैवल ट्रेंड.

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