रूस-यूक्रेन युद्ध पर काबू पाने के दावे भले ही किए जा रहे हों लेकिन हकीकत ये है कि हर गुजरते दिन के साथ युद्ध और घातक होता जा रहा है. रूस ने फिर यूक्रेन पर तबाही बरसाई है.
Russia-Ukraine War: तमाम कोशिशों के बावजूद भी रूस-यूक्रेन युद्ध पर काबू नहीं पाया जा सका है. आलम ये है कि हर गुजरते दिन के साथ ये युद्ध और घातक रूप अख्तियार करता जा रहा है. न्यूज एजेंसी PTI को अधिकारियों ने बताया कि रूसी हथियारों ने मंगलवार से बुधवार रात तक यूक्रेन के चार शहरों पर बमबारी की, जिसमें कम से कम 15 लोग घायल हो गए. इस हमले में ज्यादातर ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया है. नागरिक क्षेत्रों पर रूस के बढ़ते हवाई अभियान में यह ताजा बमबारी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा क्रेमलिन को तीन साल से चल रहे युद्ध में शांति समझौते पर पहुंचने के लिए दो सितंबर की समयसीमा तय करने से पहले हुई है. ऐसा न करने पर वॉशिंगटन द्वारा कड़े प्रतिबंधों का खतरा जताया गया है.
‘रूस रणनीति नहीं बदलेगा’
रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच संभावित तीसरे दौर की सीधी शांति वार्ता के लिए अभी तक कोई तारीख सार्वजनिक रूप से तय नहीं की गई है. पिछले दो दौरों में कैदियों की अदला-बदली के अलावा कोई प्रगति नहीं हुई. यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रूस ने रात में 400 शाहेड और ड्रोन, साथ ही एक बैलिस्टिक मिसाइल भी दागी. हमलों का निशाना उत्तर-पूर्वी खार्किव था, जो यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का गृहनगर क्रिवी रीह, मध्य यूक्रेन में, पश्चिम में विन्नित्सिया और दक्षिण में ओडेसा भी निशाने पर रहा. जेलेंस्की ने कहा, “रूस अपनी रणनीति नहीं बदलेगा. इस आतंक का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए, हमें रक्षा को व्यवस्थित रूप से मजबूत करने की जरूरत है: ज्यादा हवाई रक्षा, ज्यादा इंटरसेप्टर, और ज्यादा दृढ़ संकल्प ताकि रूस हमारी प्रतिक्रिया को महसूस कर सके.”
ट्रंप ने दिया मदद का भरोसा
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को यूक्रेन को और हथियार देने का वादा किया, जिसमें महत्वपूर्ण पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियां भी शामिल हैं और रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की धमकी दी. लगभग छह महीने पहले व्हाइट हाउस लौटने के बाद से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति यह ट्रंप का सबसे कड़ा रुख था. लेकिन कुछ अमेरिकी सांसदों और यूरोपीय सरकारी अधिकारियों ने आशंका जताई कि 50 दिनों की समय सीमा ने पुतिन को लड़ाई समाप्त करने के लिए किसी भी समझौते से पहले और अधिक यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जा करने का मौका दे दिया है. हाल के महीनों में पुतिन को दिए गए अन्य अमेरिकी अल्टीमेटम रूसी नेता को पड़ोसी यूक्रेन पर अपना आक्रमण रोकने के लिए मनाने में विफल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि युद्ध में दस हजार सैनिक मारे गए हैं, जिनमें से कई 1,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी अग्रिम पंक्ति में हैं और शहरों पर रूसी बमबारी में 12,000 से ज्यादा यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं.
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