Israel Attack Syria: इजरायल और सीरिया के बीच यह नया टकराव मिडिल ईस्ट को फिर से अस्थिरता की ओर धकेल सकता है.आगामी दिनों में UNSC की बैठक और क्षेत्रीय शक्तियों की प्रतिक्रिया यह तय करेगी कि यह संकट किस दिशा में बढ़ेगा.
Israel Attack Syria: मिडिल ईस्ट में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर एक बड़ा और सुनियोजित हवाई हमला किया है. इस हमले में सीरिया के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया, जिससे पूरे इलाके में जोरदार धमाकों की गूंज सुनाई दी और आसमान में धुएं का गुबार फैल गया. ये हमला ऐसे समय हुआ है जब दक्षिणी सीरिया के स्वेइदा शहर में सीरियाई सेना और ड्रूज समुदाय के बीच पहले से ही भीषण झड़पें चल रही हैं.
इजरायल ने क्यों किया हमला?
इजरायल के रक्षा मंत्री ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि यदि सीरियाई सेना ड्रूज समुदाय पर हमले नहीं रोकती, तो उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया जाएगा. इस चेतावनी के साथ ही यह हमला ड्रूज बहुल इलाकों में सीरियाई सेना की कार्रवाई के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. दमिश्क के साथ-साथ दक्षिणी सीरिया में सेना की अन्य यूनिट्स पर भी निशाना साधा गया है.

ड्रूज समुदाय पर संकट
ड्रूज समुदाय के नेताओं ने सीरियाई सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह योजनाबद्ध तरीके से उनके समुदाय के लोगों की हत्या कर रही है. जबकि सीरियाई सरकार का कहना है कि यह हिंसा स्थानीय आपराधिक गिरोहों की वजह से हो रही है. अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें हालांकि इन दावों को संदेह की नजर से देख रही हैं. बता दें, अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं.
कौन हैं ड्रूज?
ड्रूज एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी जड़ें अरब सभ्यता में हैं, लेकिन यह न इस्लाम मानता है न यहूदी धर्म. इसकी धार्मिक मान्यताएं हिंदू, बौद्ध, इस्लामी और अन्य विचारों का संगम हैं. सीरिया में इनकी संख्या लगभग 7 लाख है, जबकि इजरायल में 1.5 लाख, और लेबनान व जॉर्डन में भी इनकी अच्छी खासी आबादी है. दिलचस्प बात यह है कि इजरायली ड्रूज नागरिक इजरायली सेना में भी सेवा करते हैं.
अमेरिका ने की तीखी निंदा
अमेरिका ने स्वेइदा में चल रही हिंसा की कड़ी आलोचना की है. अमेरिका के विशेष दूत टॉम बैरक ने स्पष्ट किया कि नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सर्वोपरि है. उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत की मेज पर आने की अपील की. साथ ही, अपराधियों को सज़ा दिलाने और सीजफायर लागू करने की मांग की है.
UNSC में इजरायल-सीरिया संकट पर आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हमले को गंभीरता से लेते हुए 17 जुलाई को आपातकालीन बैठक बुलाई है. यह अनुरोध सीरिया के UN मिशन द्वारा किया गया था, जिसे अल्जीरिया जैसे सदस्य देशों का समर्थन मिला. वहीं, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत डैनी डैनन ने UNSC से आग्रह किया है कि सीरियाई सरकार के नागरिकों के खिलाफ किए गए अत्याचारों की खुलेआम निंदा की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल आतंकवाद के खिलाफ अपनी सीमाओं की हर हालत में रक्षा करता रहेगा.
इजरायल और सीरिया के बीच यह नया टकराव मिडिल ईस्ट को फिर से अस्थिरता की ओर धकेल सकता है. एक ओर जहां ड्रूज समुदाय की रक्षा का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सीरियाई सरकार की नीतियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. आगामी दिनों में UNSC की बैठक और क्षेत्रीय शक्तियों की प्रतिक्रिया यह तय करेगी कि यह संकट किस दिशा में बढ़ेगा, शांति की ओर या और भीषण टकराव की ओर.
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