तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गुयाना जैसे कई नए आपूर्तिकर्ता बाजार में आ रहे हैं. ब्राजील और कनाडा जैसे मौजूदा उत्पादकों से भी आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है.
New Delhi: भारत ने गुरुवार को रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी पर कहा कि उसे वैकल्पिक स्रोतों से अपनी ज़रूरतें पूरी करने का भरोसा है. तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश भारत को रूसी आयात से जुड़ी किसी भी समस्या से निपटने के लिए दूसरे देशों से आपूर्ति लेनी चाहिए. भारत अपनी ज़रूरत का 85 प्रतिशत से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है, जिसे रिफ़ाइनरियों में पेट्रोल और डीज़ल जैसे ईंधन में बदला जाता है. परंपरागत रूप से मध्य पूर्व मुख्य स्रोत था, लेकिन रूस लगभग तीन वर्षों से मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ है.
भारत के तेल आयात में रूस का हिस्सा 40 प्रतिशत
फरवरी 2022 में मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिम के अधिकांश देशों ने रूसी कच्चे तेल से दूरी बना ली थी, जिसके बाद रूस ने वैकल्पिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट देनी शुरू कर दी. भारतीय रिफ़ाइनरों ने इस अवसर का फ़ायदा उठाया और रूस, जो कभी मामूली आपूर्तिकर्ता था, पश्चिम एशिया के पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल स्रोत बन गया. अब भारत के तेल आयात में रूस का हिस्सा 40 प्रतिशत तक है. हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के ऊर्जा वार्ता वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए पुरी ने कहा कि गुयाना जैसे कई नए आपूर्तिकर्ता बाजार में आ रहे हैं. ब्राजील और कनाडा जैसे मौजूदा उत्पादकों से भी आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी के प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं अपने मन में कोई दबाव महसूस नहीं कर रहा हूं.
रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध की धमकी
इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर मास्को 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने में विफल रहता है तो रूसी निर्यात खरीदने वाले देशों को प्रतिबंधों या भारी शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है. पुरी ने कहा कि भारत देश के भीतर तेल के नए भंडारों की खोज तेज कर रहा है और उनमें तेजी से उत्पादन शुरू कर रहा है. उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल चिंतित नहीं हूं. भारत ने आपूर्ति के स्रोतों में विविधता ला दी है और मेरा मानना है कि हम जहां पहले 27 देशों से सामान खरीदते थे, अब 40 देशों तक पहुंच गए हैं. रूसी आपूर्ति प्रभावित होने की स्थिति में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने कहा कि देश उसी स्थिति (आपूर्ति) पर वापस जा सकता है, जो यूक्रेन संकट से पहले थी, जब भारत को रूसी आपूर्ति 2 प्रतिशत से कम थी.
सरकार का इथेनॉल मिश्रण के बढ़ावे पर जोर
तेल मंत्री ने कहा कि फरवरी 2022 से पहले भारत कुल कच्चे तेल का 0.2 प्रतिशत रूस से खरीद रहा था. उन्होंने कहा कि आज यह काफी बढ़ गया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरी ने कहा कि वर्तमान में कच्चे तेल की कीमत लगभग 68.5 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है और आने वाले महीनों में इसके इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह लगभग 65 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल होगा. पुरी ने यह भी कहा कि नीति आयोग के नेतृत्व में उद्योग के हितधारकों के साथ इथेनॉल मिश्रण के प्रतिशत को वर्तमान 20 प्रतिशत से बढ़ाने के लिए चर्चा और परामर्श चल रहा है. यह उन पहलों में से एक है जिसके बारे में हम कुछ समय से बात कर रहे हैं, जिसे “स्ट्रेटीग्राफिक वेल्स” कहा जाता है.
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