Indian Navy in SIMBEX 2024: SIMBEX 2024 केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि भारत और सिंगापुर के बीच सामुद्रिक दोस्ती, क्षेत्रीय स्थिरता और सामूहिक सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है.
Indian Navy in SIMBEX 2024: भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के बीच सामुद्रिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना इस महीने के अंत में सिंगापुर में होने वाले 32वें ‘SIMBEX’ अभ्यास में भाग लेने जा रही है. यह अभ्यास भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के बीच सबसे लंबा और निरंतर चलने वाला समुद्री अभ्यास है, जिसकी शुरुआत तीन दशक पहले हुई थी. अब यह साझेदारी ‘Act East Policy’ और ‘SAGAR Vision’ के तहत और भी सशक्त हो रही है. यह अभ्यास न केवल दोनों देशों की नौसेनाओं को और अधिक समन्वित बनाएगा, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति, सहयोग और साझा जिम्मेदारी का संदेश भी देगा. भारत की समुद्री रणनीति अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ‘नीली अर्थव्यवस्था’ और ‘रूल्स-बेस्ड ओशन गवर्नेंस’ की ओर बढ़ रही है और SIMBEX इसका जीवंत प्रमाण है.
तीन दशकों से बन रहा भरोसे का पुल

SIMBEX, जिसे पहले ‘Exercise Lion King’ के नाम से जाना जाता था, अब सिंगापुर-इंडिया मैरीटाइम बाइलेटरल एक्सरसाइज के नाम से हर साल आयोजित किया जाता है. भारतीय नौसेना के INS दिल्ली, सतपुड़ा, शक्ति और किलटन इस बार इस अभ्यास में भाग लेंगे. ये सभी जहाज भारत में ही डिजाइन और विकसित किए गए अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म हैं, जो आज के समुद्री हालात के लिए पूरी तरह सक्षम हैं. भारतीय उच्चायुक्त शिल्पक अंबुले ने INS शक्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि “SIMBEX जैसे अभ्यास केवल सैन्य जुड़ाव नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग का मजबूत स्तंभ हैं. बीते 30 वर्षों में यह रिश्ता लगातार निखरता रहा है.”
‘Act East’ नीति और SAGAR विजन की सजीव झलक
अंबुले ने स्पष्ट किया कि भारत की ‘Act East Policy’ और ‘SAGAR (Security and Growth for All in the Region)’ विजन, समुद्री सहयोग की भावना को और गहराई देते हैं. SIMBEX जैसे अभ्यास बदलते समय और समुद्री सुरक्षा के खतरों को देखते हुए साझा प्रशिक्षण और रणनीतिक समन्वय को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “समंदर के इस जटिल क्षेत्र में सहयोग ही सबसे बड़ी ताकत है. सामूहिक प्रयासों से ही समुद्री व्यापार, कानून व्यवस्था और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है.”

वैश्विक समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प
अमेरिका, अरब सागर और हिंद महासागर में हालिया जटिल बचाव और खोज अभियानों (HADR & SAR) में भारतीय नौसेना की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहा गया है. अंबुले ने यह भी कहा कि “पायरेसी, गैर-राज्य तत्वों की गतिविधियां और समुद्री रास्तों की सुरक्षा जैसे विषय आज गंभीर खतरे बन चुके हैं. ऐसे में SIMBEX जैसे अभ्यास सभी सहयोगियों को एकजुट करके साझा समाधान की ओर ले जाते हैं.”
भविष्य की साझेदारी के अहम पड़ाव
SIMBEX के बाद भारतीय नौसेना फरवरी 2025 में विशाखापत्तनम में ‘MILAN Multinational Naval Exercise’, ‘International Fleet Review’ और ‘IONS Chiefs’ Conclave’ का आयोजन करेगी। इसके साथ ही गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव में समुद्री देशों के प्रमुख अधिकारी साझी चुनौतियों पर मंथन करेंगे और समुद्री मित्रता के पुल को और मजबूत करेंगे. इन सभी आयोजनों का मकसद है: “Rules-based maritime order” को बनाए रखना और वैश्विक समुद्री चुनौतियों का मिलकर सामना करना.
भारत-आसियान रिश्तों में ऐतिहासिक गहराई
अंबुले ने भारत और ASEAN देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को भी रेखांकित किया. 2023 में आसियान-भारत मैरीटाइम अभ्यास की सफलता को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि यह साझी रणनीतिक सोच और सहयोग का प्रमाण है. उन्होंने ASEAN के साथ भारत के सक्रिय योगदान को सराहा और बताया कि ADMM Plus, ASEAN Regional Forum और East Asia Summit जैसे मंचों पर भारत की भूमिका को व्यापक रूप से सराहा गया है.
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