Rising Rajasthan: राजस्थान सरकार का ‘Rising Rajasthan’ समिट केवल निवेश जुटाने का मंच नहीं रहा, बल्कि यह राज्य की आर्थिक दिशा को बदलने का प्रयास बन चुका है. जाने इस पर मुख्यमंत्री ने क्या कहा.
Rising Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को एक समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार सृजन है. उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित Rising Rajasthan Global Investment Summit राज्य की आर्थिक मजबूती और युवाओं के लिए व्यापक रोजगार अवसरों का आधार बन रहा है. मुख्यमंत्री ने इस बैठक में समिट के दौरान हुए समझौता ज्ञापनों (MoUs) की प्रगति की समीक्षा की.
राइजिंग राजस्थान समिट से बन रहा आर्थिक विकास का मजबूत आधार
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह समिट न केवल राजस्थान की अर्थव्यवस्था को गति दे रहा है, बल्कि यह राज्य के भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है. उन्होंने बताया कि summit के जरिए प्राप्त निवेश प्रस्तावों से राज्य को 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी. इससे न केवल उद्योगों का विस्तार होगा बल्कि युवाओं के लिए हजारों रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.

निजी क्षेत्र में छह लाख नौकरियों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि निजी क्षेत्र में छह लाख नौकरियां सृजित की जाएं. उन्होंने बताया कि समिट के तहत हुए समझौते अब जमीन पर उतरने लगे हैं, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरी के अवसर मिलेंगे. इस दिशा में कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि इन निवेशों का लाभ शीघ्र ही आमजन तक पहुंचे.
‘ग्राउंड ब्रेकिंग’ प्रोजेक्ट्स को समय पर जमीन पर लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आने वाली तिमाही में जिन प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारना है (ground breaking), उन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर इन समझौतों को वास्तविक रूप देने पर जोर दिया जाए ताकि निवेशकों का विश्वास बना रहे और राज्य में औद्योगिक माहौल और भी बेहतर हो सके.
राजस्थान सरकार का ‘Rising Rajasthan’ समिट केवल निवेश जुटाने का मंच नहीं रहा, बल्कि यह राज्य की आर्थिक दिशा को बदलने का प्रयास बन चुका है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि समझौते केवल कागज़ों तक सीमित न रहें, बल्कि वे जमीन पर उतरकर युवाओं को नई नौकरियों और राज्य को नई संभावनाओं से जोड़ें. यदि यह रणनीति सफल रही, तो राजस्थान आने वाले वर्षों में देश की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है.
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