मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख जताया और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की.
Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बुधवार तड़के एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से कांवड़ यात्रा पर निकले चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि सड़क किनारे चल रहे कांवड़ियों (भगवान शिव के भक्तों) को टक्कर मारने के बाद तेज रफ्तार कार चालक के नियंत्रण खोने के कारण पलट गई. एक अधिकारी ने बताया कि कार चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख जताया और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की.
कार का टायर फटने से हुआ हादसा
हादसा कार का एक टायर फटने से हुआ. नगर पुलिस अधीक्षक हिना खान ने बताया कि घटना आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) के पास शिवपुरी लिंक रोड पर तड़के करीब दो बजे हुई. गुस्साए स्थानीय लोगों ने दुर्घटनास्थल पर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की. घटना के बाद कार चालक फरार हो गया, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार, कांवड़िये घाटीगांव के पास सिमरिया गांव के निवासी थे. पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान पूरन बंजारा, रमेश बंजारा, दिनेश और धर्मेंद्र के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जा रही है. एक अधिकारी ने बताया कि सीएम यादव ने ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में चार कांवड़ियों की अचानक मौत पर दुख व्यक्त किया है.
मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की मदद
उन्होंने अधिकारियों को चारों मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान करने का निर्देश दिया. यादव ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए भगवान महाकाल से प्रार्थना की. अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया करा रहा है और डॉक्टरों को घायलों का मुफ्त इलाज करने का निर्देश दिया है. उधर, यूपी के मुजफ्फरनगर में शिविर में एक कांवड़िया मृत मिला. पुलिस ने बताया कि बुधवार को मीरापुर कस्बे में एक कांवड़ शिविर में 50 वर्षीय एक कांवड़िये का शव मिला. स्थानीय एसएचओ बबलू कुमार ने बताया कि मृतक हरिकिशन, कसमपुर तुलहेड़ी गांव का निवासी था और मंगलवार शाम से प्रजापति धर्मशाला में लगे एक शिविर में ठहरा हुआ था. अधिकारी ने बताया कि हरिकिशन हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रहा था और शिविर में रुका था. सुबह वह मृत पाया गया. पुलिस को संदेह है कि उसकी मौत हृदय गति रुकने से हुई. अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद उसका शव बिना पोस्टमार्टम के उसके परिवार को सौंप दिया गया.
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