Gaza Attack: गाजा में मानवीय संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. भोजन पाने की कोशिश में लोगों की जान जाना बताता है कि हालात अब केवल राजनीतिक या सैन्य नहीं, बल्कि अस्तित्व के संकट में बदल चुके हैं. ज़िकिम क्रॉसिंग पर मची भगदड़ और गोलीबारी में दर्जनों घायल.
Gaza Attack: गाजा पट्टी में भूख से जूझते लोगों पर एक बार फिर हिंसा का साया मंडरा गया. बुधवार को ज़िकिम क्रॉसिंग पर भोजन की तलाश में जमा लोगों पर फायरिंग में कम से कम 48 फिलीस्तीनी मारे गए, जबकि दर्जनों घायल हुए. यह घटना उस वक्त हुई जब अमेरिका के मध्य-पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ इजराइल की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं, जहां वे गाजा संकट को लेकर अहम बातचीत करेंगे.
ज़िकिम क्रॉसिंग पर मची अफरा-तफरी
गाजा सिटी के शिफा अस्पताल के मुताबिक, मृतकों और घायलों को ज़िकिम क्रॉसिंग से लाया गया, जो उत्तरी गाजा के लिए मुख्य मानवीय सहायता प्रवेश बिंदु है. घटना के वक्त सैकड़ों लोग वहां भोजन की आस में जमा थे. फायरिंग किसने की, यह स्पष्ट नहीं है. इज़राइली सेना ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है. घटना के वीडियो में घायल लोगों को लकड़ी की गाड़ियों से ले जाते और बचे हुए लोगों को आटे की बोरियां उठाते देखा गया.
भूख ने ली जान
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार सुबह तक कुल 46 लोग हवाई हमलों और फायरिंग में मारे गए, जबकि कुपोषण के कारण सात अन्य की जान चली गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है. मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 89 बच्चों और 65 वयस्कों की मौत भुखमरी से हो चुकी है.
इजराइल ने किया दावा
इजराइली सेना ने बार-बार यह दावा किया है कि वह केवल हमास के आतंकियों को निशाना बनाती है और आम नागरिकों की मौत के लिए हमास को ज़िम्मेदार ठहराया है, क्योंकि वह भीड़-भाड़ वाले इलाकों से संचालन करता है. इजराइल ने भुखमरी के किसी भी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह युद्धविराम प्रयासों को कमजोर करता है.
मानवीय सहायता बाधित

हालांकि इजराइल ने हाल ही में कुछ राहत उपायों की घोषणा की थी, लेकिन जमीन पर हालात में बहुत अंतर नहीं आया है. मंगलवार को 220 ट्रक गाजा में दाख़िल हुए, जबकि यूएन एजेंसियों के मुताबिक रोजाना 500 से 600 ट्रकों की जरूरत है. यूएन अब भी सीमित मात्रा में पहुंची मदद को सुरक्षित तरीके से वितरित नहीं कर पा रहा है, क्योंकि अधिकतर जोन इजराइली सैन्य नियंत्रण में हैं.
GHF की मदद प्रणाली भी हिंसा की चपेट में
इजराइल-समर्थित Gaza Humanitarian Foundation (GHF) के जरिए चलाई जा रही वैकल्पिक राहत प्रणाली भी हिंसा से अछूती नहीं रही. मई से अब तक 1,000 से ज़्यादा फिलीस्तीनी GHF के पास सहायता पाने के प्रयास में मारे जा चुके हैं. इज़राइली सेना का कहना है कि उसने केवल चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं, जबकि GHF के अनुसार, उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ पेपर स्प्रे या चेतावनी शॉट्स का प्रयोग किया.
हमास का हमला, 60,000 से अधिक मौतें
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे. बदले में इज़राइल ने जो आक्रामक सैन्य कार्रवाई शुरू की, उसमें अब तक 60,000 से अधिक फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की यह गिनती नागरिकों और आतंकियों में अंतर नहीं करती, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इसे फिलहाल विश्वसनीय स्रोत मानती हैं.
गाजा में मानवीय संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. भोजन पाने की कोशिश में लोगों की जान जाना बताता है कि हालात अब केवल राजनीतिक या सैन्य नहीं, बल्कि अस्तित्व के संकट में बदल चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय दखल के बावजूद ज़मीनी हालात में बदलाव की गति धीमी है, और जब तक प्रभावी युद्धविराम और स्थायी राहत व्यवस्था नहीं बनती, तब तक निर्दोषों की मौतें जारी रहने की आशंका बनी रहेगी.
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