बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मांग की कि बरी किए गए आरोपियों, पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को मुआवजा दिया जाना चाहिए और अभियोजन पक्ष को उन्हें फंसाने के लिए कथित तौर पर यातना देने और सबूत गढ़ने के लिए माफी मांगनी चाहिए.
Ravi Shankar Prasad on Malegaon Blast Case Verdict: केंद्र सरकार ने मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के फैसले पर अब कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मांग की कि बरी किए गए आरोपियों, पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को मुआवजा दिया जाना चाहिए और अभियोजन पक्ष को उन्हें फंसाने के लिए कथित तौर पर यातना देने और सबूत गढ़ने के लिए माफी मांगनी चाहिए. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए अपने मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उदय को रोकने के लिए “हिंदू आतंकवाद” का सिद्धांत गढ़ा था. भाजपा ने मालेगांव विस्फोट मामले में सात आरोपियों को बरी किए जाने का स्वागत किया.
रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा?
रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा, “कांग्रेस अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. ये मामला विशुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए पार्टी की एक सोची-समझी साजिश थी. कांग्रेस की कोशिशें नाकाम हो गई है. राहुल गांधी ने पहले अदालत के फैसले से जुड़े सवालों को असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताकर खारिज कर दिया था, जबकि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर आलोचनात्मक टिप्पणियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था.” विकीलीक्स के अनुसार, उन्होंने दावा किया कि गांधी ने 2010 में अमेरिकी राजदूत से कहा था कि कट्टरपंथी हिंदू समूह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का दावा बेमानी है और वे ही सच्चाई से भाग रहे हैं.
‘देश से मांफी मांगें सोनिया और राहुल’
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “राहुल गांधी और उनकी माँ सोनिया गांधी, जो दोनों पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं, को देश से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस अपनी वोट बैंक की राजनीति में किसी भी हद तक जा सकती है.” रविशंकर प्रसाद ने पुरोहित की कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने वाले एक बहादुर और सम्मानित अधिकारी और ठाकुर की एक ‘संत’ के रूप में प्रशंसा की, और कहा कि दोनों को झूठे आरोपों के कारण 17 साल तक कष्ट सहना पड़ा. मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की जान जाने के लगभग 17 साल बाद, मुंबई की एक विशेष अदालत ने पूर्व ठाकुर और पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ “कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत” नहीं थे. भाजपा नेता ने कई मामलों का हवाला दिया, जिनमें, उन्होंने कहा, तत्कालीन कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार ने कथित तौर पर संदिग्ध मुस्लिम आरोपियों और आतंकवादी संगठनों की भूमिका को छिपाने की कोशिश की थी.
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