Uttar Pradesh Monsoon Update: नदी घाटों से घरों की छतों तक पहुंची आरती और अंतिम संस्कार, कई गांवों में हालात गंभीर. पढ़ें पूरी खबर.
Uttar Pradesh Monsoon Update: उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद हालात भयावह हो गए हैं. राज्य के 13 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और गंगा, यमुना व बेतवा जैसी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. घाटों पर जलभराव, गांवों में तबाही और शहरों की गलियों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
गंगा दिखा रही रौद्र रूप
वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर सोमवार सुबह 71.262 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए. गंगा सेवा निधि के शिवम अग्रहरि के अनुसार, दशाश्वमेध घाट की प्रसिद्ध ‘गंगा आरती’ अब घरों की छतों पर आयोजित की जा रही है. वहीं, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए उन्नत प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. नावों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और NDRF की टीमें लगातार निगरानी और राहत कार्यों में जुटी हैं.
प्रयागराज में 200 से ज्यादा गांवों में पानी घुसा
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर पिछले दो दिनों से लगातार खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर है. सोमवार सुबह यमुना का जलस्तर 86.04 मीटर (नैनी) और गंगा का 86.03 मीटर (फाफामऊ) रिकॉर्ड किया गया. इससे जिले के 200 से अधिक गांव और 60 शहरी बस्तियां प्रभावित हुई हैं. शहर के 107 मोहल्ले जैसे राजापुर, गोविंदपुर, छोटी-बड़ी बाघाड़ा, बेलीकछार व चंदपुर सलोरी प्रमुख रूप से प्रभावित हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में फूलपुर, मेजा, बारा, हंडिया और सोरांव तहसीलों के दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं.
13 ज़िलों में फैली बाढ़
राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के जिन 13 ज़िलों में बाढ़ की स्थिति बनी है, उनमें शामिल हैं, प्रयागराज, जालौन, औरैया, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर शहर, चित्रकूट, मऊ और बलिया. राज्यभर में रविवार को औसतन 14.2 मिमी बारिश दर्ज की गई और 24 जिलों में भारी वर्षा हुई. प्रभावित इलाकों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है और बाढ़ राहत शिविर लगाए गए हैं जहां लोगों को अस्थायी ठहराव, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश के कारण बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. प्रमुख नदियों के खतरे के निशान पार करने से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में तबाही मची है. वाराणसी में जहां गंगा आरती अब छतों पर हो रही है, वहीं प्रयागराज में सैकड़ों गांव जल में डूबे हैं. प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है. यदि बारिश यूं ही जारी रही, तो हालात और बिगड़ सकते हैं.
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