Punjab News: पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार नशा तस्करी की कमर तोड़ने में जुटी है.
Punjab News: पंजाब सरकार की ‘War Against Drugs’ मुहिम अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य में नशा तस्करी के खिलाफ अभियान अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि गांवों और शहरों में गठित नई “डिफेंस कमेटियां” इस जंग में निर्णायक भूमिका निभाएंगी.
मुहिम ने तोड़ी नशा सप्लाई की कमर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 फरवरी को शुरू हुई यह मुहिम अब तक बड़ी सफलता हासिल कर चुकी है. राज्य में नशे की जड़ों को काफी हद तक उखाड़ फेंका गया है और नशा सप्लाई की रीढ़ पूरी तरह तोड़ी जा चुकी है. उन्होंने पंजाब की जनता का इस मिशन में सहयोग के लिए धन्यवाद भी किया.
गांव-शहर में डिफेंस कमेटियां का अहम रोल
मान ने कहा कि गांवों और शहरों को भविष्य में भी नशा मुक्त रखने के लिए सरकार ने “डिफेंस कमेटियों” का गठन किया है. उन्होंने विश्वास जताया कि ये कमेटियां इस जंग में ‘जनरल’ की भूमिका निभाएंगी और अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखेंगी.
हर गांव और वार्ड में गठित होंगी कमेटियां
हर गांव या वार्ड में 10 से 20 सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें चार कोर सदस्य होंगे, सर्पंच या वार्ड पार्षद, नशा विरोधी अभियान प्रतिनिधि, बीडीपीओ या प्रतिनिधि, और एसएचओ या प्रतिनिधि. इसमें केवल अच्छे चरित्र और छवि वाले लोग शामिल होंगे, जैसे सेवानिवृत्त सैनिक, शिक्षक, और ग्राम प्रधान.
24×7 निगरानी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन कमेटियों को स्थानीय एसडीएम द्वारा अधिसूचित किया जाएगा और सभी सदस्यों को विशेष सरकारी पहचान पत्र दिए जाएंगे, जिससे प्रशासन से सीधा संवाद संभव होगा. गांवों और वार्डों में चौबीसों घंटे निगरानी रहेगी ताकि कोई भी तस्कर दोबारा सक्रिय न हो पाए.
पुनर्वास में भी निभाएंगे भूमिका
डिफेंस कमेटियों की भूमिका सिर्फ निगरानी तक सीमित नहीं होगी, बल्कि वे पूर्व नशा पीड़ितों के पुनर्वास में भी मदद करेंगी और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करेंगी. कोई भी गांव या वार्ड जो 100% नशा मुक्त घोषित होता है, उसे सरकार द्वारा सम्मान पत्र और औपचारिक मान्यता दी जाएगी.
डोर-टू-डोर अभियान
मान ने बताया कि स्कूलों में बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे, वहीं डिफेंस कमेटियां नुक्कड़ नाटक और घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी. अब तक 10,000 से अधिक गांव स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं और कई पंचायतों ने अपने गांवों को नशा मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है.
पूर्व सरकारों पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकारें ड्रग माफियाओं पर लगाम लगातीं, तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती. उन्होंने कहा, “पूर्व सरकारों ने विकास कमेटियां बनाईं, हमने रक्षा कमेटियां बनानी पड़ीं क्योंकि वे तस्करों को संरक्षण दे रही थीं.”
अकाली नेता पर इशारा, सबूत कोर्ट में रखेंगे
मान ने जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं जो अदालत में पेश किए जाएंगे. माना जा रहा है कि उनका इशारा बिक्रम सिंह मजीठिया की ओर था, जिन्हें हाल ही में आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया गया था.
गांव-शहर में गठित डिफेंस कमेटियों के जरिए अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में भी नशे के सौदागर पंजाब की ज़मीन पर कदम न रख सकें.
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