Home Top News रेपो रेट में नहीं हुई कोई कटौती, लोन की EMI भी नहीं होगी कम; RBI MPC के आ गए नतीजे

रेपो रेट में नहीं हुई कोई कटौती, लोन की EMI भी नहीं होगी कम; RBI MPC के आ गए नतीजे

by Live Times
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RBI MPC Meeting

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी कि MPC की हर तीन महीने में होने वाली बैठक के नतीजे आ गए हैं. गवर्नर संजय मल्होत्रा इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है.

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी कि MPC की हर तीन महीने में होने वाली बैठक के नतीजे आ गए हैं. ये बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बात नहीं बन पाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. इस बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े कई प्रमुख संकेतकों जैसे रेपो रेट, GDP ग्रोथ, CPI महंगाई और लिक्विडिटी की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा. गवर्नर संजय मल्होत्रा इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. हालांकि, उन्होंने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है.

नहीं हुई कटौती

बता दें कि रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की गई है. रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर ही रखा गया है. इसका मतलब है कि जिन लोगों ने लोन लिया है, उनकी EMI में भी कोई घटत नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि RBI के रेपो रेट घटाने पर ही बैंक लोन दरों में कटौती आती है जिससे EMI भी कम हो जाती है.

महंगाई दर 4 फीसदी पर स्थिर

गौरतलब है कि RBI गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोर मुद्रास्फीति 4% के आसपास है. वहीं, ग्रामीण उपभोग अस्थिर है. वित्त वर्ष 26 के लिए CPI यानी खुदरा महंगाई 3.1% रहने की उम्मीद जताई गई है. हालांकि, वित्त वर्ष 27 के लिए खुदरा महंगाई 4.9% रहने का अनुमान है.

GDP Growth के लिए ये हैं उम्मीदें

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि चालू वर्ष के लिए 6.5 फीसदी रीयल GDP ग्रोथ का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए रीयल GDP ग्रोथ 6.6% रह सकता है. उन्होंने आगे कहा कि Geopolitical Tensions कम हो गई हैं, लेकिन टैरिफ की वजह से दुनियाभर के व्यापार पर दबाव बना हुआ है.

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मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट बढ़ा

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा RBI MPC की बैठक के नतीजों का एलान करते हुए कहा कि पहली तिमाही में मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट और बढ़ गया है. उन्होंने आगे कहा कि पिछली MPC बैठक के बाद से सिस्टम लिक्विडिटी सरप्लस में रही है जो औसतन 3 लाख करोड़ रुपये प्रतिदिन की थी. यह पिछले दो महीनों के दौरान 1.6 लाख करोड़ रुपये प्रतिदिन की औसत सिस्टम लिक्विडिटी के उलट है.

MPC की टाइमिंग पर नजर

गौरतलब है कि ये बैठक इस समय में की जा रही है जब भारत और अमेरिका के बीच लगातार तनाव देखने को मिल रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत के लिए आक्रमक रुख दिखा रहे हैं. उन्होंने टैरिफ लगाने के बाद उसे बढ़ाने की धमकी दी है. इसके साथ ही वह रूस से तेल खरीद पर उच्च सीमा शुल्क लगाने की भी धमकी दी है. ऐसे माहौल में RBI की मौद्रिक नीति पर बाजार और विशेषज्ञों की नजर बनी हुई है.

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