PM Modi First Reaction on Trump Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद से पहली बार प्रधानमंत्री मोदी का आज रिएक्शन आया है.
PM Modi First Reaction on Trump Tariff : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ट्रंप के टैरिफ को लेकर अपना पहला रिएक्शन दिया है. लगातार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और रूस के व्यापार को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं और उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ लगाया है. इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि भारत के लिए किसानों का हित सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और वे इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने ये बयान MS स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया है और कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा.
क्या बोले पीएम मोदी?
MS स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में सोयाबीन, सरसों और मुंगफली के उत्पादन का रिकॉर्ड बढ़ा है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए किसानों का हित सबसे पहले है. कुछ भी हो जाए लेकिन भारत अपने किसानों, पशुपालकों के और मछुआरे भाई-बहनों के हितों से समझौता नहीं करेगा. हालांकि, मुझे ये मालूम है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं. मेरे देश के किसानों के लिए, मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशुपालकों के लिए आज भारत तैयार है.
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लगातार काम कर रहा है भारत
वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाना जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया है. उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं. हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति के रूप में देखा है. बीतें सालों में जो नीतियां बनी उनमें सिर्फ मदद नहीं थी बल्कि किसानों में भरोसा बढ़ाने की एक सफल कोशिश थी. वहीं, पीएम सम्मान निधि को लेकर उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि से मिलने वाली सहायता ने छोटे किसानों की बहुत मदद की है.
कृषि को लेकर अमेरिका की मांग
यहां पर आपको बता दें कि अमेरिका, भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर भारत के किसानों और डेयरी किसानों के हितों पर असर डाल रहा था. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने भारतीय कृषि और डेयरी बाजारों तक अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने की मांग की थी. अमेरिका ये चाहता था कि भारत अपने उच्च टैरिफ (20-100%) और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाए, ताकि अमेरिकी कृषि प्रोडक्ट्स जैसे सेब, बादाम, अखरोट, जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों, सोयाबीन और मक्का भारत के बाजारों तक आसानी से आ सके. वहीं, अमेरिका लगातार डेयरी उत्पादों जैसे पनीर और दूध पाउडर के लिए बाजार खोलने की मांग कर रहा था, जो भारत के 8 करोड़ डेयरी किसानों को नुकसान पहुंचा सकता था.
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