खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई महीनों की बातचीत के बावजूद अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहे. अब ट्रंप हमें डरा-धमका और मजबूर कर रहे हैं.
New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला विदेश नीति की एक बड़ी विफलता है. मोदी सरकार को समझ में नहीं आ रहा कि इससे कैसे निपटा जाए. ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना लगाने के एक दिन बाद खड़गे ने कहा कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हमारी कूटनीति बेहद लड़खड़ा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई महीनों की बातचीत के बावजूद अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहे और अब ट्रंप हमें डरा-धमका और मजबूर कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोच्च है. उन्होंने कहा कि कोई भी देश जो भारत को मनमाने ढंग से दंडित करता है, वह उस मजबूत ढांचे को नहीं समझता जिससे भारत बना है.
युद्धविराम की मध्यस्थता पर भी चुप रहे मोदी
खड़गे ने दावा किया कि सातवें बेड़े की धमकियों से लेकर परमाणु परीक्षणों के प्रतिबंधों तक हमने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को आत्म-सम्मान और गरिमा के साथ निभाया है. ट्रम्प का 50% टैरिफ ऐसे समय में आया है जब हमारी अपनी कूटनीति विनाशकारी रूप से लड़खड़ा रही है. नरेंद्र मोदी जी जब ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने युद्धविराम की मध्यस्थता की है, तब आप चुप रहे. उन्होंने कम से कम 30 बार दावा किया है और यह संख्या बढ़ती जा रही है. खड़गे ने कहा कि ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी 30 नवंबर 2024 को दी थी. प्रधानमंत्री मोदी वहां बैठे थे, स्पष्ट रूप से मुस्कुरा रहे थे, जबकि ट्रम्प ने ‘ब्रिक्स को मृत’ घोषित कर दिया था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि ट्रम्प महीनों से पारस्परिक टैरिफ की योजना बना रहे हैं. हम सभी इसके बारे में जानते थे. उन्होंने कहा कि कृषि, एमएसएमई और विभिन्न उद्योगों जैसे हमारे प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए बजट में कुछ बदलाव किए गए हैं.
अमेरिका के साथ भारत का व्यापार समझौता विफल
उन्होंने दावा किया कि आप अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि भारत का अमेरिका को निर्यात लगभग 7.51 लाख करोड़ रुपए (2024) है और 50 प्रतिशत का एकमुश्त शुल्क 3.75 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ डालेगा. एमएसएमई, कृषि, डेयरी इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रत्न एवं आभूषण, औषधि निर्माण एवं जैविक उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद और सूती कपड़े जैसे हमारे क्षेत्रों को सबसे ज़्यादा नुकसान होगा. खड़गे ने कहा कि आपकी सरकार को समझ नहीं आ रहा कि इससे कैसे निपटा जाए. आप इस विदेश नीति की बर्बादी के लिए कांग्रेस के 70 सालों को भी दोष नहीं दे सकते. ट्रम्प ने बुधवार को भारत से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जो नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के लिए दंड के रूप में है. एक ऐसा कदम जिससे कपड़ा, समुद्री और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ेगा.
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