Home Latest News & Updates तेलंगाना में अवैध फोन टैपिंग मामले ने पकड़ा तूल, केंद्रीय मंत्री को SIT जांच पर भरोसा नहीं, बतौर गवाह होंगे पेश

तेलंगाना में अवैध फोन टैपिंग मामले ने पकड़ा तूल, केंद्रीय मंत्री को SIT जांच पर भरोसा नहीं, बतौर गवाह होंगे पेश

by Sanjay Kumar Srivastava
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Union Minister Bandi Sanjay Kumar

मंत्री ने आरोप लगाया कि SIT के अधिकारी भले ही अच्छे हों, लेकिन कांग्रेस सरकार उन्हें स्वतंत्र रूप से जांच करने की आजादी नहीं दे रही है.

Hyderabad: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने शुक्रवार को मांग की कि तेलंगाना सरकार पूर्ववर्ती बीआरएस शासन के दौरान कथित अवैध फोन टैपिंग की जांच सीबीआई को सौंपे. फोन टैपिंग मामले में गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए विशेष जांच दल (SIT) के अधिकारियों से मिलने से पहले उन्होंने कहा कि उन्हें SIT की जांच पर भरोसा नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि SIT के अधिकारी भले ही अच्छे हों, लेकिन कांग्रेस सरकार उन्हें स्वतंत्र रूप से जांच करने की आजादी नहीं दे रही है. कांग्रेस और बीआरएस के बीच दोस्ती का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बीआरएस शासन के दौरान विभिन्न मुद्दों पर आरोपों की जांच के लिए आयोग नियुक्त किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि वे (कांग्रेस और बीआरएस) मिलकर ये नाटक कर रहे हैं. हमें इस पर भरोसा नहीं है. इसलिए हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

बीआरएस शासन के दौरान हुआ था पर्दाफाश

मंत्री संजय कुमार ने दावा किया कि बीआरएस सरकार के दौरान जब वह तेलंगाना में भाजपा के अध्यक्ष थे, तब उनके फोन कॉल सबसे ज्यादा टैप किए गए थे. केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार के दौरान उनके कर्मचारियों, परिवार के सदस्यों, उनके घर पर काम करने वालों, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के फोन कॉल टैप किए गए थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने ही बीआरएस शासन के दौरान अवैध फोन टैपिंग का पर्दाफाश किया था. उन्होंने यह भी कहा कि वह फोन टैपिंग के संबंध में अपने पास उपलब्ध जानकारी और गोपनीय रिपोर्ट एसआईटी को सौंपेंगे. संजय कुमार ने यहां खैरताबाद के एक हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर अदालत के समक्ष पेश होने के लिए पैदल ही दिलकुशा सरकारी गेस्टहाउस पहुंचे. एसआईटी के अधिकारी कुमार ने पहले एसआईटी अधिकारियों से 28 जुलाई को अपना बयान दर्ज करने को कहा था, लेकिन संसद सत्र के कारण वह ऐसा नहीं कर सके.

SIT ने मुख्य आरोपी से की पूछताछ

पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए कुमार ने पहले कहा था कि वह जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करेंगे. अधिकारियों ने पहले तेलंगाना के पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख टी प्रभाकर राव से पूछताछ की, जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. एसआईबी प्रमुख राव पर तत्कालीन सत्तारूढ़ राजनीतिक दल और उसके नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए एसआईबी के भीतर एक विशेष अभियान दल बनाने का आरोप है. एसआईबी के निलंबित डीएसपी उन चार पुलिस अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें हैदराबाद पुलिस ने मार्च 2024 में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से खुफिया जानकारी मिटाने के साथ-साथ बीआरएस शासन के दौरान फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. मामले में आरोपी बनाए गए लोगों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर अनधिकृत तरीके से कई लोगों की प्रोफाइल बनाई थी और उन पर एसआईबी में गुप्त और अवैध रूप से उनकी निगरानी करने का आरोप लगाया गया था.

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