Rakshabandhan 2025: राखी उतारने का समय पूरी तरह से आपकी श्रद्धा और सुविधा पर निर्भर करता है, लेकिन धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कब उतारे राखी जानें यहां.
Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, अटूट विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है. हर साल सावन पूर्णिमा के दिन यह त्योहार पूरे देश में हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती है. लेकिन एक सवाल अक्सर मन में आता है, कलाई पर बंधी राखी को कितने दिनों तक रखना चाहिए? इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक कारण दोनों मौजूद हैं.
पवित्र रिश्ते की डोर है राखी
राखी सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच प्रेम, सम्मान और विश्वास की डोर है. इसे उतारने को लेकर कई लोग विशेष ध्यान नहीं देते, जबकि मान्यताओं के अनुसार इसे आदरपूर्वक हटाना और विसर्जित करना चाहिए. कुछ लोग इसे बंधने के कुछ ही घंटों में उतार देते हैं, तो कुछ इसे कई दिनों तक रखते हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार राखी उतारने का समय
शास्त्रों के अनुसार राखी उतारने के लिए कोई तय समय नहीं है, लेकिन परंपरा कहती है कि इसे सावन पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद अमावस्या तक यानी लगभग 15 दिनों तक रखा जा सकता है. कुछ मान्यताओं में इसे 3, 7 या 11 दिनों तक रखना उचित माना गया है. कई लोग जन्माष्टमी या गणेश चतुर्थी के दिन भी राखी उतारते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राखी बांधने के कम से कम 24 घंटे बाद ही इसे उतारना चाहिए और पितृपक्ष शुरू होने से पहले इसे हटा देना चाहिए.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से राखी रखने की अवधि

विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि राखी को बहुत अधिक दिनों तक हाथ में रखना उचित नहीं है. चूंकि यह सूती या रेशमी धागे से बनी होती है, पानी और धूल के संपर्क में आने से इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं. इसलिए राखी को तब तक रखें जब तक यह स्वच्छ और अच्छी अवस्था में हो.
राखी उतारने के बाद क्या करें
कलाई से राखी उतारने के बाद इसे इधर-उधर फेंकना उचित नहीं है. इसे जल में प्रवाहित करें, किसी पेड़ पर बांध दें या पौधे की जड़ में दबा दें. यह तरीका न केवल परंपरा के अनुरूप है बल्कि राखी के सम्मान को भी बनाए रखता है.
राखी उतारने का समय पूरी तरह से आपकी श्रद्धा और सुविधा पर निर्भर करता है, लेकिन धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कम से कम 24 घंटे और अधिकतम 15 दिनों तक इसे पहनना उचित है. उतारने के बाद इसका सम्मानपूर्वक विसर्जन करना ही सबसे सही तरीका है.
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