RSS Centenary Vijayadashmi Program : इस विजयदशमी पर आरएसएस के 100 साल पूरे होने वाले हैं. इसी बीच संघ ने कई भव्य कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए विचार करना शुरू कर दिया है.
RSS Centenary Vijayadashmi Program : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को अपने शताब्दी समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया है. यह कार्यक्रम नागपुर में आयोजित किया जाएगा और इस दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) भी मौजूद रहेंगे. RSS इस साल अपनी 100वीं वर्षगांठ बना रहा है और संघ के किसी कार्यक्रम में शामिल होने वाले रामनाथ कोविंद दूसरे राष्ट्रपति होंगे. बता दें कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) भी आरएसएस के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
मोहन भागवत के मार्गदर्शक में उद्बोधन होगा
100वीं वर्षगांठ के मौके पर आरएसएस बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने वाला है और उसने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में संघ ने लिखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित विजयादशमी उत्सव 2 अक्तूबर, 2025 को प्रातः 7.40 बजे रेशिमबाग, नागपुर में संपन्न होगा. इस अवसर पर भारत के महामहिम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद जी मुख्य अतिथि होंगे और परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का मार्गदर्शक उद्बोधन होगा.
विजयदशमी पर हुई थी स्थापना
कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य भाषण देंगे. साथ ही संघ हर साल की तरह दशहरे पर नागपुर के रेशमबाग मैदान से आरएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हैं. 100वीं वर्षगांठ पर आरएसएस ने कई बड़े कार्यक्रम आयोजित करवाने की योजना बनाई है और इसमें मोहन भागवत के द्वारा दिल्ली समेत मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को मोहन भागवत संबोधित करेंगे. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां मौजूद होंगी और भागवत अब तक की संघ की क्या भूमिका, भविष्य में किन योजनाओं के बारे में चर्चा करेंगे. इससे वह संघ के प्रति लोगों की धारणा को स्पष्ट कर सकेंगे. बता दें कि आरएसएस की स्थापना 1925 को विजयदशमी के दिन हुई थी और उसके बाद से ही अपना वार्षिक कार्यक्रम विजयदशमी के अवसर पर ही मनाता आ रहा है.
दुनिया का सबसे बड़ा NGO : PM
इसके अलावा आरएसएस का मुख्यालय नागपुर में है और वह बीजेपी का आइडियोलॉजिकल मार्गदर्शक है. यह संगठन मूल रूप से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विचारों पर समाज सेवा में 100 वर्षों से जुटा हुआ है. साथ ही 79वें स्वतंत्रता के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर दीवार से संघ की प्रशंसा की थी और इसको दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया था.
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