Monsoon fury: स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को कांगड़ा, चंबा और मंडी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है.
Monsoon fury: हिमाचल में भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने से दुकानें बह गईं, इमारतें ढह गईं, राजमार्ग कट गए और आवासीय इलाके जलमग्न हो गए. हालांकि, सोमवार रात से हुई किसी भी घटना में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि मंगलवार सुबह तक राज्य में कुल 690 सड़कें बंद थीं. बंद सड़कों में से 320 मंडी जिले में और 132 कुल्लू में हैं. स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को कांगड़ा, चंबा और मंडी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. इसने शुक्रवार को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अलग-अलग इलाकों में और शनिवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट भी जारी किया है.
मनाली-लेह राजमार्ग बहा
हिमाचल में हो रही लगातार बारिश के चलते ब्यास नदी उफान पर है. ब्यास नदी की तेज धारा में मंगलवार तड़के कुल्लू जिले के मनाली में एक बहुमंजिला होटल और चार दुकानें नदी में समा गईं. नदी के उफान पर होने से पानी मनाली के अलू मैदान में घुस गया, जबकि चंडीगढ़ और मनाली को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया. मनाली-लेह राजमार्ग का लगभग 200 मीटर हिस्सा भी उफनती ब्यास नदी के पानी में बह गया, जिससे मार्ग बंद हो गया और पर्यटक फंस गए राष्ट्रीय राजमार्ग के दो प्रमुख हिस्से बह गए. जबकि मनाली से बुरुआ मार्ग भी पुराने मनाली के पास नष्ट हो गया. मनाली के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) रमन शर्मा ने बताया कि दाएं किनारे से मनाली का संपर्क टूट गया है. सोमवार से अब तक चार दुकानें, दो रेस्टोरेंट और एक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. लार्गी बांध से 20,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार को व्यास नदी का जलस्तर और बढ़ गया.
40 दुकानों वाली दो इमारतें जमींदोज
अधिकारियों ने लोगों को नदी के किनारों और भूस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है. घनवी खुद नदी में तेज बहाव का इतना असर था कि कुल्लू में पानी घरों में घुस गया. जबकि मंडी जिले के बालीचौकी इलाके में सोमवार देर रात 40 दुकानें जमीदोज हो गईं. हालांकि, इमारत को पहले ही खाली करा लिए जाने के कारण कोई हताहत नहीं हुआ. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार शाम से नैना देवी में 160.8 मिमी बारिश हुई, इसके बाद भट्टियात में 125.2 मिमी, मनाली और धर्मशाला में 102-102 मिमी, घमरूर में 91.4 मिमी, कांगड़ा में 89 मिमी, पालमपुर में 88 मिमी, कोठी में 85.8 मिमी, भुंतर में 77.2 मिमी, गुलेर में 71.8 मिमी और करसोग में 65.2 मिमी बारिश हुई. एसईओसी के अनुसार, 20 जून से 25 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से 156 लोगों की मौत हो गई है. राज्य में अब तक 78 बार अचानक बाढ़, 41 बार बादल फटने और 82 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य को 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ेंः लगातार बारिश से पंजाब में बाढ़ का खतराः सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर, फिरोजपुर से पलायन शुरू
