Sambhal Committee Report: बीते साल 2024 संभल में हुए दंगों के बाद से बनी कमेटी की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. अब इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कमेटी ने सौंप दिया है.
Sambhal Committee Report: उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल हुए दंगों ने कई घरों को बरबाद कर दिया है. इन दंगों के बाद से जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी. अब उस कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है जिसमें कई खुलासे किए गए हैं. अब इस रिपोर्ट को यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कमेटी ने सौंप दिया है. इसमें संभल की आबादी और डेमोग्राफी को लेकर बड़े खुलासे किए हुए हैं. इतना ही नहीं 450 पन्ने की इस रिपोर्ट में शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर भी जानकारी दी गई है.
आबादी को लेकर हुए बड़े खुलासे
संभल से जुड़ी इस रिपोर्ट में कमेटी ने आबादी को लेकर कई खुलासे किए हैं. इसमें कहा गया है कि आजादी के समय साल 1947 में 45 प्रतिशत हिंदू थे, जो अब बस 15 से 20 फीसदी बचे हैं. सूत्रों की माने तो इस बात का जिक्र है कि दंगे, तुष्टिकरण की राजनीति ने संभल की जनसांख्यिकी बदल दी.
इस रिपोर्ट में और क्या?
बता दें कि इसके अलावा संभल में हुई हिंसा से जुड़ी संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करीब 450 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गई है. इसमें न केवल 24 नवंबर को हुई हिंसा का जिक्र है, बल्कि संभल के इतिहास में हुए दंगों के आंकडों और उन दंगों के दौरान क्या-क्या हुआ था इसका भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट की माने तो आजादी के समय संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55 फीसदी मुस्लिम और 45 फीसदी हिंदू रहते थे. लेकिन आज के समय में करीब 85 प्रतिशत मुस्लिम और 20 फीसदी हिंदू हैं. वहीं, संभल में साल 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001, 2019 में कुल 15 दंगे हुए थे.
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संभल रिपोर्ट में किस बात का जिक्र
संभल में हिंदू आबादी सिर्फ 20 प्रतिशत ही बची हैं
आजादी के बाद से संभल में करीब 15 दंगे हुए हैं
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि संभल में कई आतंकवादी संगठनों का अड्डा बना
इस दौरान अमेरिका ने मौलाना सनाउल हक को आतंकवादी घोषित किया
इस रिपोर्ट के अनुसार संभल में अवैध हथियार नारकोटिक्स गैंग सक्रिय है
संभल में हिन्दुओं को लेकर क्या था प्लान
गौरतलब है कि रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि संभल में हिंदुओं को मारने का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया था और दंगे के लिए बाहर से दंगाई को बुलाया गया था. हिंदू मोहल्लों में पुलिस की मौजूदगी की वजह से हिंदू बच पाए थे. बता दें कि संभल में तुर्क पठानों ने आपसी रंजिश में एक-दूसरे की हत्या की थी.
पहले से थी हमले की प्लानिंग
जांच रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि पिछले साल 22 नवंबर, 2024 को सांसद जिया-उर-रहमान बर्क के विवादित बयान के बाद से ही इस हिंसा की शुरुआत हुई थी. उन्होंने नमाजियों को संबोधित करते हुए कहा था कि हम इस देश के मालिक हैं, नौकर-गुलाम नहीं. मस्जिद थी, मस्जिद है और कयामत तक रहेगी. हम अयोध्या जैसा यहां नहीं होने देंगे. इसके बाद 24 तुर्क और पठान समुदायों के बीच तनाव बढ़ता चला गया. रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि इस हिंसा को फैलाने में सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल और इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी की मुख्य भूमिका थी.
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