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मध्य प्रदेश प्रगति के पथ परः ग्वालियर सम्मेलन में आए 3,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव

by Sanjay Kumar Srivastava
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Gwalior Conference: सीएम यादव ने कहा कि सम्मेलन ने पर्यटन क्षेत्र के लिए एक मंच प्रदान किया है. हेरिटेज संपत्तियों, होटलों और रिसॉर्ट्स का विकास किया जाएगा.

Gwalior Conference: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि यहां आयोजित क्षेत्रीय पर्यटन सम्मेलन के दौरान 3,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन बोलते हुए सीएम यादव ने कहा कि राज्य सरकार निवेश प्राप्त करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विषय-विशिष्ट सम्मेलन आयोजित कर रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह का पहला सम्मेलन रीवा में आयोजित किया गया था, जिसमें 3,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ था, जबकि ग्वालियर कार्यक्रम पूरी तरह से पर्यटन पर केंद्रित था और इसमें 3,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ 500 हितधारकों ने भाग लिया था. सीएम यादव ने कहा कि सम्मेलन ने पर्यटन क्षेत्र के लिए एक मंच प्रदान किया है. हेरिटेज संपत्तियों, होटलों और रिसॉर्ट्स का विकास किया जाएगा. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोज़गार बढ़ेगा और स्थानीय उत्पादों को बाज़ार मिलेगा.

ग्वालियर किले का भी विकास

उनके अनुसार, दिल्ली, आगरा और मथुरा से ग्वालियर की निकटता, मान सिंह तोमर किला, मंदिर और गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब सहित इसके ऐतिहासिक स्मारक इसे एक अनूठा गंतव्य बनाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिगो अपने सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) कोष के जरिए 100 करोड़ रुपये के निवेश से ग्वालियर किले का विकास करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने और राज्य के अन्य क्षेत्रों में निवेश प्राप्त करने के लिए काम कर रही है. सम्मेलन में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी मौजूद थे. तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल के तहत देश भर के पर्यटन हितधारकों को मध्य प्रदेश के विकास एजेंडे से जोड़ा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अतीत के विपरीत, अब सम्मेलन विकेंद्रीकृत हैं और क्षेत्रीय केंद्रों में आयोजित किए जाते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को लाभ होगा.

ग्वालियर को संगीत शहर की मान्यता

पर्यटन मंत्री लोधी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य मध्य प्रदेश को पर्यटन के मामले में नंबर एक राज्य बनाना है. पर्यटन प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश में 750 ऐतिहासिक स्मारक, 18 यूनेस्को-मान्यता प्राप्त स्थल और 12 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जबकि इसका 30 प्रतिशत क्षेत्र वन है. उन्होंने कहा कि हालिया पहलों में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को फिर से लाना, फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देना और चंदेरी, ओरछा और दतिया में परियोजनाएं शामिल हैं. उनके अनुसार, ग्वालियर को यूनेस्को संगीत शहर के रूप में मान्यता दी गई है और इसे एक संगीत केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य की नई पर्यटन नीति 2025 आसान भूमि आवंटन जैसे प्रावधानों के साथ निवेश आकर्षित कर रही है. इसका उद्देश्य ग्वालियर को विश्व मानचित्र पर लाना और पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाना है. दिल्ली-आगरा-ग्वालियर पर्यटन सर्किट को पर्यटन स्थलों को जोड़कर ‘डायमंड रिंग’ में विस्तारित करने की योजना है.

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