Maratha Reservation Movement : मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है. कार्यकर्ता मनोज जरांगे को मुंबई में आंदोलन करते हुए पांच दिन हो गए हैं और उन्होंने कह दिया कि मांगें पूरी नहीं होगी वह यहां से जाने वाले नहीं हैं.
Maratha Reservation Movement : मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है वह राजधानी छोड़कर जाने वाले नहीं हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं. दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपने आंदोलन को पांचवें दिन भी जारी रखने वाले जरांगे ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और मराठों को राज्य की राजधानी में एंट्री करने से कोई भी नहीं रोक सकता है.
मेरी कटुता मुख्यमंत्री के प्रति नहीं
जरांगे ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) बॉम्बे हाई कोर्ट को गलत जानकारी दे रहे हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. कार्यकर्ता ने कहा कि इस सप्ताह तक मराठा प्रदर्शनकारियों को मुंबई आने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है. जरांगे ने दावा किया कि आपको पता नहीं चलेगा कि वे मुंबईकर या मराठा. अगले सोमवार को, जो कुछ भी होगा वह फडणवीस की गलतियों की वजह से होगा और उन्होंने यह भी साफ कर दिया उनकी कटुता मुख्यमंत्री के प्रति नहीं है. इसके अलावा जरांगे ने मराठा प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की भी अपील की और वह यह सुनिश्चित जरूर करेंगे कि सरकार उनकी आरक्षण की मांग को जल्द पूरा करे.
मराठों को शांत रहना चाहिए
दूसरी तरफ मराठों को कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल एक कृषि प्रधान जाति) के रूप में मान्यता देते हुए एक सरकारी आदेश जारी करें, जिसकी वजह वह सरकारी नौकरी और रोजगार के क्षेत्र में लाभ उठा सकें. जरांगे ने यह भी कहा कि भले इस आंदोलन को करते हुए उनकी मृत्यु हो जाए लेकिन मराठों को शांत रहना चाहिए. मुंबई पुलिस ने मंगलवार को जरांगे और उनकी टीम को एक नोटिस जारी कर उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा है. इससे पहले सोमवार को हाई कोर्ट ने उनके समर्थकों से मंगलवार दोपहर तक शहर की सभी सड़कों को खाली करने और साफ-सफाई करने के साथ सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए कहा था. हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि अब उस कोई भी प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश न करे. 43 वर्षीय कार्यकर्ता को आजाद मैदान में प्रदर्शन करते हुए पांच दिन हो गए हैं और उन्होंने कह दिया है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती है तब तक वह यहां से जाने वाले नहीं हैं.
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