Home Top News पूरे देश में SIR कराने की तैयारी में जुटा EC! मीटिंग का दौर हुआ शुरू, बिहार का होगा अनुभव साझा

पूरे देश में SIR कराने की तैयारी में जुटा EC! मीटिंग का दौर हुआ शुरू, बिहार का होगा अनुभव साझा

by Sachin Kumar
0 comment
EC brass brainstorms state poll machinery pan India SIR preparedness

SIR Issue : बिहार के बाद चुनाव आयोग अब पूरे देश में SIR कराने पर विचार कर रहा है. इलेक्शन कमीशन ने इसके मीटिंग करना भी शुरू कर दिया है और बिहार में जिस तरह का अनुभव प्राप्त हुआ उसका अध्ययन भी किया जा रहा है.

SIR Issue : निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को पूरे देश में लागू करने करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहा है. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी आयोग के SIR नीति पर एक प्रस्तुति देंगे. वहीं, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी SIR के कार्यान्वयन में राज्य के अनुभव साझा करेंगे. ज्ञानेश कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभालने के बाद यह तीसरी बार CEO स्तर पर मीटिंग कर रहे हैं. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि बुधवार की दिन भर चलाने वाली बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पूरे देश में SIR की तैयारियों पर चर्चा की जा रही हैं.

बिहार के बाद इन राज्यों से शुरू होगा SIR

चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार के बाद SIR पूरे देश में लागू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया इस वर्ष के अंत में असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगी. इस गहन संशोधन का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है. बांग्लादेश और म्यांमार समेत विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है. अंतत: चुनाव प्राधिकरण मतदाता सूची की अखंडता की रक्षा के अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन के लिए पूरे देश में SIR शुरू करेगा. गहन समीक्षा के तहत चुनाव अधिकारी त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे. वहीं, विपक्ष की तरफ से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि BJP चुनाव आयोग पर मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी कर रही है, के बीच चुनाव आयोग ने गहन समीक्षा के तहत अतिरिक्त कदम उठाएं.

इन दस्तावेजों करना होगा पेश

बता दें कि निर्वाचक बनने के इच्छुक उम्मीदवार या राज्य के बाहर से आने वाले आवेदकों की एक श्रेणी के लिए अतिरिक्त घोषणा पत्र पेश किया गया है. उन्हें यह शपथ पत्र देना होगा कि उनका जन्म एक जुलाई, 1987 से पहले भारत में हुआ था और जन्म तिथि या जन्म स्थान की पुष्टि करने वाला कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. घोषणा पत्र में सूचीबद्ध विकल्पों में एक यह है कि उनका जन्म 1 जुलाई 1987 और 2 दिसंबर, 2004 के बीच में हुआ था. उन्हें अपने माता-पिता की जन्मतिथि/स्थान के बारे में भी दस्तावेज जमा करने होंगे. लेकिन बिहार मतदाता सूची संशोधन पर विपक्षी दलों ने निशाना साधा है, उनका दावा है कि करोड़ों पात्र नागरिक दस्तावेजों के अभाव में मतदान के अधिकार से वंचित हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें- बीते 4 सालों में भारत के पड़ोसी देशों में मचा कोहराम, आम लोगों की ताकत ने कराई तख्तापलट

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?