Brahma Kumaris Foundation Day: उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग डरते हैं कि अगर भारत मजबूत हो गया तो उनके साथ क्या हो सकता है और उनकी अपनी स्थिति क्या होगी.
Brahma Kumaris Foundation Day: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत पर टैरिफ इस डर से लगाए गए हैं कि अगर देश मजबूत हो गया तो उनके साथ क्या हो सकता है. उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि इस तरह के उपाय आत्म-केंद्रित दृष्टिकोण का परिणाम हैं. वह नागपुर में ब्रह्माकुमारीज विश्व शांति सरोवर के 7वें स्थापना दिवस पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग डरते हैं कि अगर भारत मजबूत हो गया तो उनके साथ क्या हो सकता है और उनकी अपनी स्थिति क्या होगी. इसीलिए भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाए गए हैं. लेकिन हमने कुछ नहीं किया. जब आप सात समुद्र दूर हैं और कोई संपर्क नहीं है, तो डर क्यों?” उन्होंने पूछा.
‘सिर्फ़ मैं’ वाले रवैये से समस्या
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क भी शामिल है. भारत ने इन टैरिफों को “अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण” करार दिया है. भागवत ने कहा कि जब तक मनुष्य और देश अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर हम करुणा दिखाएं और डर पर काबू पा लें, तो हमारा कोई दुश्मन नहीं होगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अगर इंसान अपना रवैया “मैं” से “हम” में बदल ले, तो सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया समाधान खोज रही है, क्योंकि वह अपनी अधूरी दृष्टि के कारण आगे का रास्ता नहीं खोज पा रही है. उनके लिए ‘सिर्फ़ मैं’ वाले रवैये के कारण रास्ता ढूंढ़ना नामुमकिन है. भागवत ने कहा कि भारत दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने और आगे का रास्ता दिखाने में सक्षम है.
महान बनें भारतीय
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत महान है और भारतीयों को भी महान बनने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत बड़ा है और वह और बड़ा होना चाहता है. भागवत ने कहा कि भारतीयों में अपनेपन की गहरी भावना होती है और वे अभाव के समय में भी खुश और संतुष्ट रहते हैं. उन्होंने कहा कि कोई अभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर है, तो समय आने पर बदल जाएगा. फिर भी कठिनाई और दुःख में भी यहां के लोग अपनेपन की इसी भावना के कारण संतुष्ट रहते हैं. महिलाओं के नेतृत्व वाले आध्यात्मिक आंदोलन, ब्रह्माकुमारीज़ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस भी उनकी तरह आंतरिक चेतना को जगाने का काम करता है.
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