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Trump Warning: बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की चेतावनी, अफगानिस्तान को दी खुली धमकी

by Live Times
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Trump Warning To Taliban Government

Trump Warning To Taliban Government : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर अपना आक्रमक रुख दिखाया है. उन्होंने बगराम एयरबेस का नियंत्रण अमेरिका को वापस करने की मांग की है.

Trump Warning To Taliban Government : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर फूट पड़ा है. इसके चलते उन्होंने चेतावनी दे दी है. ट्रंप ने बगराम एयरबेस का नियंत्रण अमेरिका को वापस करने की मांग की है. इसे लेकर वह लगातार चर्चा कर रहे हैं. चेतावनी देते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर वे उनकी मांग नहीं मानते हैं तो बुरी चीजें होने वाली हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर खुली धमकी दी है.

सोशल मीडिया ट्रूथ सोशल पर किया पोस्ट

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर किया पोस्ट कर लिखा कि हम फिलहाल अफगानिस्तान से बातचीत कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि बगराम एयरबेस हमारे नियंत्रण में हो. अगर अफगानिस्तान ऐसा नहीं करता है तो आपको पता चल जाएगा कि मैं क्या करने वाला है. इसके पहले भी ट्रंप ने काबुल के पास बने एक बड़े अफगान एयरबेस को फिर से अपने कब्जे में लेने की योजना बना रहा है ताकि चीन पर नजर रखी जा सके. 

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अमेरिका के सैनिकों की हुई वापसी

यहां पर बता दें कि साल 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बगराम एयरबेस पर तालिबान सरकार के नियंत्रण में है. इसे लेकर ट्रंप ने बार-बार कहा है कि वह इस एयरबेस को अपने पास रखते, क्योंकि अफगानिस्तान और चीन की सीमा के पास इसकी रणनीतिक अहमियत बहुत ज्यादा है.

तालिबान सरकार ने दी प्रतिक्रिया

हालांकि, तालिबान सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, इससे पहले अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा था कि अफगानिस्तान की एक इंच जमीन भी विदेशी सैन्य उपस्थिति के लिए स्वीकार्य नहीं है. यह संदेश राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य देशों तक पहुंचना चाहिए. बातचीत केवल राजनीतिक और आर्थिक होगी.

विदेश मंत्रालय ने दिया बयान

वहीं, विदेश मंत्रालय के राजनीतिक विभाग के प्रमुख जाकिर जलाली ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि अफगानों ने पूरे इतिहास में कभी भी सैन्य उपस्थिति स्वीकार नहीं की है. दोहा समझौते में इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था, लेकिन अन्य प्रकार की बातचीत के द्वार खुले हैं. ये बयान हाल के महीनों में रूस द्वारा अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति फिर से स्थापित करने के पश्चिमी प्रयासों, खासकर अमेरिका द्वारा के बारे में बार-बार दी गई चेतावनियों के बीच आए हैं.

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