Naxals Gunned Down: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में कई सालों से एक्टिव दो टॉप नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है.
22 September, 2025
Naxals Gunned Down: छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके से सोमवार को ऐसी खबर आई जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया. दरअसल, नक्सल प्रभावित इलाकों में कई सालों से एक्टिवि दो टॉप नक्सली नेताओं को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों पर 80 लाख रुपये का इनाम था. ये कार्रवाई न सिर्फ सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी है बल्कि ‘रेड टेरर’ के खिलाफ लड़ाई में भी बड़ी जीत मानी जा रही है.
जब्त किए हथियार
पुलिस के अनुसार, मारे गए नक्सली नेताओं की पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी (63) और कोसा दादा उर्फ कदरी सत्यनारायण रेड्डी (67) के रूप में हुई है. दोनों ही सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे. इसके अलावा दोनों ही पिछले 30 सालों से दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के जरिए बस्तर क्षेत्र में एक्टिव थे. ये मुठभेड़ नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ के जंगलों में हुई, जो महाराष्ट्र के बॉर्डर से सटा हुआ है. सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक गोलीबारी शुरू हो गई और कई घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद दोनों के शव बरामद किए गए. मौके से एक AK-47 राइफल, एक INSAS राइफल, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, एक्सप्लोसिव और माओवादी लिटरेचर भी जब्त किया गया.
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सुरक्षा बलों की बड़ी जीत
राजू दादा और कोसा दादा सिर्फ नाम भर नहीं थे, बल्कि उन्होंने बस्तर में कई हिंसक घटनाओं की साजिश रची थी. इनके हमलों में न सिर्फ सुरक्षाकर्मी बल्कि कई आम लोग भी जान गंवा चुके हैं. यही वजह थी कि दोनों पर अलग-अलग राज्यों और एजेंसियों ने करोड़ों का इनाम रखा था. बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि ये मुठभेड़ माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है. उन्होंने कहा कि बाकी नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर करें और सरकार की पुनर्वास नीति का फायदा उठाएं.
अमित शाह ने की तारीफ
इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे सुरक्षाबलों की बड़ी जीत बताया है. उन्होंने कहा, ‘हमारे सुरक्षा बल नक्सलियों की टॉप लीडरशिप को खत्म कर रहे हैं और रेड टेरर की रीढ़ तोड़ रहे हैं.’ आपको बता दें कि इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में 249 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 220 सिर्फ बस्तर डिवीजन में ढेर हुए हैं. इससे साफ है कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलियों के गढ़ में लगातार अपना दबदबा बना रहे हैं. वैसे भी छत्तीसगढ़ की धरती पर दशकों से रेड टेरर का साया रहा है. हालांकि, अब तस्वीर बदलती दिख रही है.
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