Home राज्यDelhi घर खरीदारों से ठगी: मुंबई, बेंगलुरु समेत 5 शहरों में रियल एस्टेट घोटालों की जांच तेज, CBI को मिली हरी झंडी

घर खरीदारों से ठगी: मुंबई, बेंगलुरु समेत 5 शहरों में रियल एस्टेट घोटालों की जांच तेज, CBI को मिली हरी झंडी

by Sanjay Kumar Srivastava
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Supreme Court

Home buyers cheated: अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि दिल्ली-NCR को छोड़कर अन्य शहरों की परियोजनाओं में प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है और संज्ञेय अपराध बनता है.

Home buyers cheated: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े छह नए नियमित मामले दर्ज करने की अनुमति दे दी है. ये मामले घर खरीदारों को ठगने के मामलों में डेवलपर्स और बैंकों के बीच गठजोड़ से संबंधित है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने CBI को कानून के अनुसार कार्रवाई करने की छूट दी. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि दिल्ली-NCR को छोड़कर अन्य शहरों की परियोजनाओं में प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है और संज्ञेय अपराध बनता है. CBI अब इन छह शहरों में नियमित मामले दर्ज कर तलाशी और जब्ती जैसी कार्रवाई शुरू करेगी. कोर्ट ने भाटी को निर्देश दिया कि वह जांच से संबंधित कुछ हिस्सों को सीलबंद लिफाफे में न्यायमित्र अधिवक्ता राजीव जैन के साथ साझा करें. उल्लेखनीय है कि इससे पहले 22 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को दिल्ली-एनसीआर में ऐसे ही 22 मामलों की FIR दर्ज करने की अनुमति दी थी और अन्य शहरों की जांच पूरी करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था.

रियल एस्टेट डेवलपर्स और बैंकों पर शिकंजा

कोर्ट के इस आदेश से रियल एस्टेट घोटालों पर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई को बल मिलेगा. 22 मामले NCR में काम करने वाले बिल्डरों और उत्तर प्रदेश व हरियाणा के विकास प्राधिकरणों से संबंधित थे. सबवेंशन स्कीम के तहत बैंक स्वीकृत राशि को सीधे बिल्डरों के खातों में वितरित करते थे, जिन्हें तब तक स्वीकृत ऋण राशि पर ईएमआई का भुगतान करना होता था, जब तक कि फ्लैट घर खरीदारों को नहीं सौंप दिए जाते. बिल्डरों द्वारा बैंकों को ईएमआई पर चूक करने के बाद त्रिपक्षीय समझौते के अनुरूप बैंकों ने घर खरीदारों से ईएमआई की मांग की. शीर्ष अदालत 1,200 से अधिक घर खरीदारों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने एनसीआर, विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में विभिन्न आवास परियोजनाओं में सबवेंशन योजनाओं के तहत फ्लैट बुक किए थे. 29 मार्च को शीर्ष अदालत ने सीबीआई को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, यमुना एक्सप्रेसवे और गाजियाबाद में बिल्डरों और परियोजनाओं के मामलों में पांच प्रारंभिक जांच दर्ज करने की अनुमति दी थी.

अफसरों, बैंकों और बिल्डरों की मिलीभगत पर नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ एक प्रारंभिक जांच दर्ज करने की अनुमति दी थी, जिसके खिलाफ 799 घर खरीदारों ने आठ अलग-अलग शहरों में परियोजनाओं से संबंधित 84 अपीलों के माध्यम से शीर्ष अदालत का रुख किया था. 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने सीबीआई द्वारा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत रिपोर्ट का अवलोकन किया था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों की ओर से संज्ञेय अपराध का पता लगाने के लिए मामलों की प्रारंभिक जांच करने के बाद आगे की जांच के लिए 22 नियमित मामले दर्ज किए जाने की आवश्यकता है. 29 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने सीबीआई को सुपरटेक लिमिटेड सहित एनसीआर में बिल्डरों के खिलाफ सात प्रारंभिक जांच दर्ज करने का निर्देश दिया था. घर खरीदारों को ठगने के लिए विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों, बैंकों और बिल्डरों की मिलीभगत पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने नोएडा, गुरुग्राम, यमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा, मोहाली, मुंबई, कोलकाता और प्रयागराज में प्रसिद्ध बैंकों और बिल्डरों के बीच प्रथम दृष्टया सांठगांठ पाई है.

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