Sambhal News : संभल में एक बार योगी सरकार का बुलडोजर चलने की राह देख रहा है. प्रशासन ने उन 80 मकानों को चिह्नित किए जो सरकार की जमीन पर बने हैं. फिलहाल, प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया है और संतुष्ट पूर्वक जवाब का इंतजार कर रहा है.
Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बार प्रशासन का बुलडोजर चलने वाला है. सदर तहसील इलाके के मोहल्ला हातिम सराय इलाके में सरकारी तालाब की जमीन पर कथित तौर पर अवैध रूप से बने 80 मकानों को गिराया जाएगा. राजस्व विभाग की टीम ने तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह की मौजूदगी में मकानों को चिह्नित किया और उन्हें नोटिस जारी करके 15 दिनों का समय दिया है. तहसीलदार के मुताबिक, यह कार्रवाई इस खुलासे के बाद की गई है कि भू-माफियाओं ने तालाब के लिए बनी जमीन को अवैध रूप से अनजान खरीदारों को बेच दिया था. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को पंद्रह दिन का नोटिस जारी कर दिया है.
12-13 साल पहले बनी थी मस्जिद
तहसीलदार ने बताया कि अवैध घर में रहने वालों लोगों को 15 दिन का नोटिस जारी किया गया है और अगर इसका जवाब नहीं मिलता है तो जरूरत पड़ने पर मस्जिद समेत सभी अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया जाएगा. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तालाब की जमीन पर करीब 12-13 साल पहले एक बड़ी मस्जिद बनाई गई थी. जब हमारी राजस्व टीम ने उस जगह का दौरा किया, तो निर्माण की जिम्मेदारी लेने या उसका मुतवल्ली (कार्यवाहक) बनने के लिए कोई आगे नहीं आया था. यही वजह है कि मस्जिद पर भी एक नोटिस चिपका दिया गया है. अगर इस नोटिस पर भी कोई संतुष्ट पूर्वक जवाब सामने नहीं आता है तो गिराने की कार्रवाई की जाएगी.
दस्तावेज करने होंगे पेश
उन्होंने आगे कहा कि चिह्नित अवैध जमीनों और संरचनाओं पर लाल निशान लगाए जा रहे हैं और आज करीब 30-40 जगहों पर लाल निशाना लगाया गया है. साथ ही पूरा काम करने में कुछ दिन और लग सकते हैं. तहसीलदार ने कहा कि जिन लोगों ने तालाब क्षेत्र में जमीन खरीदी है या घर बनाए हैं उन्हें तहसील में पेश होकर जमीन अधिग्रहण के प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया गया है, लेकिन अगर वे वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि अभी तक किसी भी संबंधित पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला है. मालूम हो कि संभल जिले के विभिन्न इलाकों में अवैध कब्जे करने वाली जमीनों की पहचान की जा रही है और अगर जांच के दौरान ऐसे मामले सामने आते हैं तो इस तरह की कार्रवाई की जाएगी.
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