Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों का ठिकाना ध्वस्त पर उनकी कमर तोड़ दी है. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों पर अपना कैंप बना लिया है, जिससे इलाके में नक्सलियों की पकड़ कमजोर हो गई है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों का ठिकाना ध्वस्त पर उनकी कमर तोड़ दी है. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों पर अपना कैंप बना लिया है, जिससे इलाके में नक्सलियों की पकड़ कमजोर हो गई है. छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में छह महीने से चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के बाद सुरक्षा बलों ने नया सुरक्षा एवं जन सुविधा शिविर स्थापित कर लिया है. बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ताड़पाला गांव के पास बनाए गए इस कैंप वाली जगहों पर लंबे समय से वरिष्ठ माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना था. अधिकारियों ने बताया कि कैंप से आसपास के ग्रामीणों को सुरक्षा के साथ बुनियादी सुविधाएं भी मिलेंगी. साथ ही इलाके में माओवादियों की गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा.
माओवादी गतिविधियों पर अंकुश
इस साल अप्रैल-मई में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ियों के आसपास के घने जंगलों में 21 दिनों का व्यापक अभियान चलाया था. इस दौरान बलों ने 31 नक्सलियों का सफाया कर दिया. सुरक्षाबलों ने 35 हथियार, 450 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और बड़ी संख्या में डेटोनेटर और अन्य उपकरणों के अलावा 12,000 किलोग्राम अन्य सामग्री भी जब्त की, जिसमें चिकित्सा आपूर्ति, बिजली के उपकरण, नक्सल साहित्य आदि शामिल थे. इस संबंध में अधिकारी ने बताया कि नया शिविर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 196वीं और 205वीं बटालियनों और कोबरा बटालियन के लिए अग्रिम परिचालन बेस के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा कि इस शिविर से सुरक्षाबलों को सीमावर्ती क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. शिविर के माध्यम से क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूल, पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) आउटलेट, मोबाइल कनेक्टिविटी और आंगनवाड़ी केंद्र जैसी आवश्यक सेवाएं भी मिलेंगी.
कैंप में सुरक्षाबलों को विशेष प्रशिक्षण
शिविर में जिला रिजर्व गार्ड, एसटीएफ, राज्य पुलिस की दोनों इकाइयां, कोबरा की 205वीं और 210वीं बटालियन और सीआरपीएफ की 196वीं बटालियन की संयुक्त टीमें तैनात रहेंगी. अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने शिविर स्थापित करते समय दुर्गम भूमि, IED और घात के लगातार खतरे को पार करते हुए असाधारण साहस का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के दौरान हेलीकॉप्टर से निगरानी की जाती रही. वरिष्ठ अधिकारियों ने टीमों की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए समय-समय पर कैंप का दौरा किया. अधिकारी ने कहा कि इस स्थान को जंगल युद्ध, फील्ड क्राफ्ट, रणनीति और अन्य व्यावहारिक प्रशिक्षण मॉड्यूल के लिए एक विशेष प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना है.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चलेगा संयुक्त अभियान
एक अधिकारी ने बताया कि ताड़पाला से छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर संयुक्त अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिविर का दौरा किया. कर्मियों से बातचीत की और कठिन परिस्थितियों में सफलतापूर्वक कार्य पूरा करने के लिए उन्हें बधाई दी. अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने वरिष्ठ कोबरा और राज्य पुलिस अधिकारियों के साथ 20-21 नवंबर को शिविर का दौरा किया और रात भर वहीं रुके, जिससे बलों का मनोबल बढ़ा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिविर की स्थापना के बाद से बम निरोधक टीमों द्वारा 14 आईईडी बरामद किए गए और उसे निष्क्रिय कर दिया गया.
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