Mumbai Metro: मुंबई मेट्रो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित AI आधारित व्हील प्रोफाइल मापन प्रणाली (WPMS) स्थापित की है.
Mumbai Metro: मुंबई मेट्रो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित AI आधारित व्हील प्रोफाइल मापन प्रणाली (WPMS) स्थापित की है, जिससे ट्रेनों के पहियों की निगरानी और रखरखाव क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार होगा. यह आधुनिक प्रणाली पहियों में नियमित रूप से होने वाले घिसाव, टूट-फूट या संभावित क्षति की पहचान स्वतः कर लेगी. जरूरत पड़ने पर मरम्मत या प्रतिस्थापन का सुझाव भी देगी. इससे न केवल परिचालन सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि पहियों की आयु बढ़ाने और पटरियों पर भार कम करने में भी मदद मिलेगी. विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय मेट्रो नेटवर्क चालक रहित ट्रेन संचालन की ओर बढ़ने पर काम कर रहे हैं, क्योंकि पहली चालक रहित तकनीक 2020 में दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर पेश की गई थी. बताया जाता है कि रेलवे के लिए AI आधारित डायग्नोस्टिक समाधान विकसित करने वाली कंपनी इंटेलीरेल ने इस प्रणाली को मुंबई मेट्रो के दो रूटों पर स्थापित किया है. कंपनी ने बताया कि ‘इंटेली WPMS’ में लेजर और कैमरों से लैस ट्रैकसाइड सेंसर नेटवर्क शामिल है, जो विभिन्न पहिया मापदंडों का अत्यधिक सटीक डेटा प्रदान करता है.
WPMS से लागत में आएगी कमी
कंपनी ने बताया कि मशीन विजन तकनीक से संचालित यह सिस्टम तेज और विश्वसनीय विश्लेषण सुनिश्चित करता है तथा मानव निर्भरता को कम करता है. कंपनी के अनुसार, WPMS न केवल सबसे महंगी रेलवे संपत्तियों को बचाता है, बल्कि अधिक उपलब्धता भी सुनिश्चित करता है जिससे लागत में उल्लेखनीय बचत होती है. अधिकारियों ने कहा कि यह सिस्टम मुंबई मेट्रो की लाइन 2ए और 7 के चारकोप डिपो में लगाया गया है. यह अत्याधुनिक सिस्टम महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा लागू की जा रही है. मुंबई मेट्रो के अधिकारी ने कहा कि नवीनतम WPMS स्थापना एक बड़े आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है. इंटेलीरेल के अधिकारी ने कहा कि रेलवे परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए सेंसर, डेटा एनालिटिक्स और रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है. विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय मेट्रो नेटवर्क चालक रहित ट्रेन संचालन की ओर बढ़ने पर काम कर रहे हैं, क्योंकि पहली चालक रहित तकनीक 2020 में दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर पेश की गई थी. यह देखते हुए कि कैसे यह तकनीक दक्षता में सुधार करती है और मानव निर्भरता को कम करती है. चालक रहित ट्रेन संचालन (यूटीओ) पर ध्यान बढ़ गया है.
‘मेक इन इंडिया’ की उपलब्धि
कंपनी ने कहा कि सीबीएम और यूटीओ दोनों ही कुशल संचालन के लिए दूरस्थ निगरानी तकनीकों और विशाल मात्रा में डेटा एनालिटिक्स पर निर्भर हैं. निगम ने कहा कि WPMS की स्थापना लगभग 5 वर्षों से भारतीय रेलवे की रणनीतिक योजना का हिस्सा रही है. इसका सफल कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. ‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्य के साथ इसका तालमेल और भी महत्वपूर्ण है. इंटेलीरेल ने कहा कि संपर्क-रहित मापन से शारीरिक संपर्क समाप्त हो जाता है, जिससे ट्रेन व उपकरण दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. कंपनी ने आगे कहा कि इंटेलीरेल के WPMS इंस्टॉलेशन के लिए किसी बड़े सिविल कार्य को लागू करने की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा एज कंप्यूटिंग की गति ट्रेन के मॉड्यूल से गुजरते ही परिणाम उपलब्ध करा देती है. जब किसी भी पैरामीटर के लिए पहिया सीमा से बाहर पाया जाता है, तो सिस्टम को एसएमएस या ईमेल अलर्ट के माध्यम से सचेत किया जा सकता है.
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