Bhagavad Geeta: कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवद् गीता का पाठ किया.
Bhagavad Geeta: कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवद् गीता का पाठ किया. पूरा ग्राउंड भगवा सागर में तब्दील हो गया. पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों से साधुओं और साध्वियों सहित लाखों भक्तों ने रविवार दोपहर यहां के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित विशाल भगवद् गीता पाठ में भाग लिया. भगवा वस्त्र पहने साधुओं ने कार्यक्रम स्थल पर एक स्वर में गीता के श्लोक पढ़े. बजरंगबली और भगवान राम की छवियों वाले भगवा झंडे पूरे कार्यक्रम स्थल पर लहरा रहे थे. आयोजकों ने बताया कि लगभग एक लाख लोग धर्मग्रंथ के पहले, नौवें और अठारहवें अध्याय के सामूहिक पाठ में शामिल हुए. प्रतिभागियों में पूर्व बर्धमान के मेमारी का एक युवक देबराज रॉय भी शामिल था, जो अपने चार दोस्तों के साथ तिलक और भगवा पगड़ी पहने हुए था. भीड़ ने राष्ट्रीय तिरंगे भी लहराए और बार-बार “हरे कृष्ण हरे हरे, गीता पाठ घरे घरे” का नारा लगाया.
आध्यात्मिक विरासत और आस्था के प्रति सम्मान
2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले हिंदू वोट बैंक को ध्यान में रखकर इस कार्यक्रम के आयोजन के बारे में पूछे जाने पर आयोजकों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हम किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं. लेकिन हमारा मानना है कि हिंदुओं को राजनीतिक मान्यताओं से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए और अपनी आध्यात्मिक विरासत, आस्था और संस्कृति के प्रति सम्मान रखना चाहिए. हम विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ सद्भाव से रहने में विश्वास करते हैं. दक्षिण 24 परगना के बिरही के एक युवा सम्राट सरकार, जो विहिप से जुड़े हैं, ने कहा कि वह लाखों लोगों के श्लोकों के पाठ में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और विधायक अग्निमित्र पॉल सहित वरिष्ठ भाजपा नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए. स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जैसे प्रमुख धार्मिक नेताओं के साथ-साथ विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संप्रदायों के वरिष्ठ भिक्षु भी इसमें शामिल हुए.
गीता सभी 140 करोड़ लोगों के लिए
‘पंच लक्खो कोंठे गीता पाठ’ (पांच लाख आवाजों द्वारा गीता जप) नामक इस कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद ने किया था. यह संसद विभिन्न मठों और धार्मिक संस्थानों के भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं का एक समूह है. पॉल ने कहा कि गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, यह भारत के सभी 140 करोड़ लोगों के लिए है. आयोजकों ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पश्चिम बंगाल की आध्यात्मिक विरासत का आह्वान करना और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. उन्होंने दावा किया कि यह राज्य और संभवतः देश में इस तरह का सबसे बड़ा सामूहिक पाठ है. कार्तिक महाराज ने कहा कि विभाजन के माहौल में आध्यात्मिक अभ्यास शांति और दिशा बहाल कर सकता है. भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे. तीन बड़े मंच बनाए गए थे और मध्य कोलकाता में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. आध्यात्मिक नेतृत्व गीता मनीषी महामंडल के स्वामी ज्ञानानंदजी महाराज ने किया.
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