Maharashtra Winter Session : महाराष्ट्र में LoP नियुक्त नहीं करने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार की चाय पार्टी का विरोध कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि यह संवैधानिक पद है और इस पर नियुक्ति होनी चाहिए.
Maharashtra Winter Session : महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव के एक चरण पूरा हो गया है और दूसरे चरण के मतदान 20 दिसंबर को होंगे. इसी बीच महाराष्ट्र विधानसभा में शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सरकार की पारंपरिक चाय पार्टी का विपक्ष ने बहिष्कार किया है. महा विकास आघाड़ी लगातार विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता (LoP) नियुक्त करने में सरकार की विफलता को प्रमुख कारण बता रहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से चाय का न्योता प्रतिपक्ष नेता के अलावा अलग-अलग विधायकों को भेजा गया था.
सरकार को संविधान पर भरोसा नहीं
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वर्तमान में दोनों सदनों में से किसी में भी LoP नहीं है और ये दोनों संवैधानिक पद हैं. उन्होंने आगे कहा कि दोनों पदों को खाली रखकर सरकार ने दिखाया है कि उसे संविधान पर भरोसा नहीं है और यही वजह है कि विपक्ष ने चाय कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में विपक्ष की हार के बाद कोई भी पार्टी कुल 288 सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत पाई. नियम के मुताबिक, LoP के पद पर दावा करने के लिए किसी भी विपक्ष की पार्टी को कुल सीटों पर 10 फीसदी सीटें जीतना जरूरी है. वडेट्टीवार ने कहा कि साल 1980 में BJP के पास 14 विधायक थे, फिर भी LoP का पद विपक्षी पार्टी को दिया गया था. इसी तरह 1985 में बीजेपी के 16 विधायक जीते और फिर भी प्रतिपक्ष नेता बनाया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी LoP का पद खाली रखा.
हर दिन कर रहे हैं 6-7 किसान आत्महत्या
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट कहा कि सरकार अगर संवैधानिक पद को खाली रखना चाहती है तो हमारे पास भी विकल्प है कि हम चाय कार्यक्रम का बहिष्कार करें. दूसरी तरफ शिवसेना (UBT) नेता भास्कर जाधव ने दावा किया कि सरकार विपक्ष में विधायकों की संख्या कम होने के बाद भी डरी हुई है, क्योंकि उसने बहुत पाप किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि LoP का पद संवैधानिक है और सरकार को डर है कि प्रतिपक्ष नेता उनके बुरे कामों का पर्दाफाश कर देंगे. जाधव ने आगे कहा कि सरकार LoP का फैसला नहीं कर पा रही है, लेकिन उसने दो उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए हैं. जो किसी भी तरह से संवैधानिक नहीं है. इसके अलावा विजय वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि हर एक दिन राज्य में 6-7 किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार ने कृषि ऋण माफी वादा करके वोट हासिल किए थे, लेकिन अब सरकार इसको लागू करने में देरी कर रही है.
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