Japan Earthquake Explainer: जापान में हर साल 1500 से 2000 भूकंप के झटके महसूस करता है. इसके पीछे भौगोलिक कारण है. यहां पढ़ें जापान में भूकंप आने का कारण क्या है.
10 December, 2025
Japan Earthquake Explainer: एशियाई देशों में हर समय भूकंप के झटके आने का डर रहता है और सबसे ज्यादा जापान में. सोमवार को जापान के आओमोरी प्रांत में 7.5 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिससे सुनामी का खतरा बढ़ गया. जापान में आए अब तक के भूकंपों ने कई बार देश को भारी नुकसान पहुंचाया है. जापान हर साल 1500 से 2000 भूकंप के झटके महसूस करता है. अगर एक की भी तीव्रता ज्यादा हुई तो भूकंप के बाद धंसी हुई सड़कें, मकानों का गिरा हुआ मलबा और जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की हालत देखना बहुत दर्दनाक होता है.
क्यों भूकंप से ग्रसित है जापान
भूकंप के झटकों से ग्रसित होने के पीछे एक बड़ा कारण है. दरअसल, जापान धरती की चार टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है. टेक्टोनिक प्लेट पृथ्वी की बाहरी कठोर परतें हैं, जो टुकडों के रूप में नीचे पिघली हुई चट्टान के ऊपर तनाव के कारण धीरे धीरे तैरती और खिसकती रहती हैं. जापान जिन चार प्लेटों पर बसा है, उन्हें ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है. बाकी जगहों पर यह प्लेंटें ज्यादा नहीं खिसकती, लेकिन रिंग ऑफ फायर की ये चार प्लेटें लगातार आपस में जोड़तोड़ करती रहती हैं या खिसकती रहती हैं.
जापान में सबसे भयानक भूकंप कब आया था
वैसे तो जापान में हर दिन छोटे-मोटे भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, लेकिन जापान के इतिहास में सबसे भयानक भूकंप साल 1923 में आया था, जब 1 लाख से एक लाख चालीस हजार तक लोग मारे गए थे. इस भूकंप की तीव्रता 7.9 थी. भूकंप के बाद भीषण आग लग गई थी, जिसने टोक्यो और योकोहामा शहर को तबाह कर दिया था. इसके बाद साल 2011 में सबसे तीव्र भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 9.1 थी. इस भूकंप में 18,000 से 20,000 लोगों की जान गई. भूकंप के झटकों से 30 मीटर तक ऊंची लहरें उठी, जिसने जापान में तबाही मचा दी थी.

जापान का मॉनिटरिंग सिस्टम
हर समय चेतावनी पर बैठा जापान अब भूकंप से निपटने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां कर चुका है. जापान का भूकंप मॉनिटरिंग सिस्टम बहुत ही मजबूत और फास्ट है. जापान का मॉनिटरिंग एजेंसी भूकंप आने के कुछ सेंकड के अंदर ही भूकंप का सेंटर, रिक्टर स्केल और मैग्नीट्यूड के बारे में सारी जानकारी तुरंत देश भर के सभी टीवी चैनलों पर जारी कर दी जाती है और लोगों को उनके फोन पर वॉर्निंग अलर्ट भेज दिया जाता है. इसके अलावा, अगर सुनामी का खतरा होता है, तो सुनामी की चेतावनी जारी की जाती है और खतरे की सभी जगहों के बारे में नेशनल टीवी पर बताया जाता है.
आपातकाल सेवाओं को भी सक्रिय कर दिया जाता है. आपदा के बारे में जानकारी देने के लिए कई इलाकों में लाउडस्पीकर भी लगाए गए हैं. कुल मिलाकर, यह जानकारी साठ सेकंड के अंदर जारी कर दी जाती है ताकि लोग भूकंप के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर जा सके.
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