Smriti Mandhana : पलाश मुच्छल से शादी टूटने के बाद स्मृति मंधाना ने पहली बार सार्वजनिक मंच पर अपनी बात को रखा. उन्होंने कहा कि जब आप भारतीय जर्सी पहन लेते हो तो सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
Smriti Mandhana : भारतीय टीम की वाइस कैप्टन स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) की पलाश मुच्छल (Palash Muchhal) से शादी टूटने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आई. मंधाना ने हरमनप्रीत कौर के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इस दौरान खुलकर अपनी बात को रखा. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम की जर्सी पहनने पर परेशानियां दूर हो जाती है, क्योंकि इसको पहनने के बाद आपको अपने ऊपर जिम्मेदारी होने का अहसास होता है. कार्यक्रम में मंधाना ने यह स्पष्ट कह दिया कि मैं क्रिकेट अलावा किसी और चीज से ज्यादा प्यार नहीं करती हूं.
लोगों की होती है जिम्मेदारी
स्मृति मंधाना ने कहा कि भारतीय जर्सी पहनने से प्रेरणा मिलती है और सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं. उन्होंने आगे कहा मैंने सभी लोगों को बताया कि जब आप एक बार जर्सी पहन लेते हो तो, उसी वक्त सभी परेशानियों को दूर कर देते हो, क्योंकि आपके ऊपर एक जिम्मेदारी आ जाती है. मंधाना ने बताया कि आप मैदान पर कई करोड़ों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं और आपको एक जिम्मेदारी जैसा एहसास दिलाता है और यही वजह है कि आप अपनी व्यक्तिगत चिंताओं से काफी दूर हो जाती हैं. बस उस दौरान आपका फोकस शानदार प्रदर्शन पर होना चाहिए.
क्या खिलाड़ियों में होती है असहमति
कार्यक्रम में जब मंधाना से पूछा गया कि क्या ड्रेसिंग रूम में असहमति होती है? इस पर मंधाना ने कहा कि मुझे पसंद आया है कि आपने ये सवाल मुझसे किया है. मुझे नहीं लगता कि कोई मसला रहता है क्योंकि टीम में सभी लोग देश के लिए मैच जीतना चाहते हैं. सभी को इसको लेकर अपना विचार हो सका है लेकिन अंत में मकसद यही रहता है कि मैदान पर भारतीय तिरंगा लहराते हुए दिखें. अगर हम किसी चीज को लेकर असहमति दिखाते हैं तो यह दर्शाता है कि हम देश को जीत दिलाने के लिए तत्पर नहीं है.
चर्चा ने कभी नहीं लिया बहस का रूप
मंधाना ने आगे कहा कि ड्रेसिंग रूम चर्चाएं जरूर होती हैं लेकिन मैं इसको बहस नहीं कहूंगी. हमें जब प्लेइंग को चुनना होता है और तय करना पड़ता है कि पहले बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने के लिए किसको भेजना है. इस वक्त सभी की अपनी राय होती है कि हम किस तरह मैच जीतें. उन्होंने मैंने कभी नहीं देखा कि इस तरह चर्चा के दौरान कभी बहस का रूप ले लिया हो. हां, यह जरूर कई बार हुआ है कि मैं हरमनप्रीत कौर के पास गईं हूं और मैंने कहा कि हमें इस तरह से करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे बीच में ऐसे रिश्ते बन गए हैं कि हम एक-दूसरे को ना कह सकते हैं.
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