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SIR के तहत EC ने जारी की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट, 58 लाख लोगों के हटाए गए नाम

by Sachin Kumar
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EC publishes draft electoral rolls in Bengal

West Bengal SIR : 58 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं वह बंगाल की कई हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं. साथ ही इससे अब राजनीतिक मतभेद भी और बढ़ गए हैं.

West Bengal SIR : पश्चिम बंगाल समेत देश भर 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कर रहा है. इसी बीच चुनाव आयोग ने SIR के तहत 58 लाख लोगों के नामों को हटाया है. साथ ही जिन मतदाताओं के नाम लिस्ट में शामिल नहीं है वह लोग 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 के बीच दावा और अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं. इसके साथ ही इसकी अंतिम लिस्ट 14 फरवरी 2026 को जारी कर दी जाएगी. इसी कड़ी में अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों में मौत, पलायन और गिनती के फॉर्म जमा नहीं करने के कारण हटा दिए गए हैं.

हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट पर पड़ेगा असर

बताया जा रहा है कि जिन 58 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं वह बंगाल की कई हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं. साथ ही अब इससे राजनीतिक मतभेद और बढ़ गए हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले राज्य चुनावों से पहले एक विवादित वेरिफिकेशन चरण के लिए मंच तैयार हो गया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 4 नवंबर से 11 दिसंबर तक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया चलाने के बाद ड्राफ्ट लिस्ट से करीब 58,20,898 नाम हटा दिए गए हैं, जिससे अब राज्य के वोटरों की संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ रह गई है. वोटरों की संख्या घटना पर राज्य आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रभावित वोटरों के लिए सुनवाई की प्रक्रिया करीब एक हफ्ते में शुरू होगी.

वोटर्स को बुलाया जाएगा

अधिकारी ने बताया कि ड्राफ्ट रोल के पब्लिकेशन और सुनवाई शुरू होने के बीच का गैप सुनवाई के लिए नोटिस छापने, उन्हें संबंधित वोटर्स तक पहुंचाने और EC डेटाबेस पर उनका डिजिटल बैकअप बनाने की वजह से होगा. उन्होंने कहा कि पब्लिश किए गए ड्राफ्ट के बारे में दावे और आपत्तियां जमा करेंगे, जहां पर उनके नाम हटा दिए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि कमीशन को करीब 85 लाख वोटर्स के गिनती के फॉर्म हैं जिनके नाम 2002 की लिस्ट से मेल नहीं खाते है और उन्हें बुलाया जा सकता है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि सुनवाई के लिए कितने वोटर्स को बुलाया जाएगा, लेकिन EC सूत्रों ने कहा कि यहां आंकड़ा दो करोड़ तक पहुंच सकता है.

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