Home Top News ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2 को लेकर लॉन्च हुआ ISRO का ‘बाहुबली’ रॉकेट LVM3, जानें मिशन की खासियत

ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2 को लेकर लॉन्च हुआ ISRO का ‘बाहुबली’ रॉकेट LVM3, जानें मिशन की खासियत

by Neha Singh
0 comment
LVM3-M6 Launching

LVM3-M6 Launching: ISRO ने ट LVM3-M6 के साथ अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 का सफलतापूर्वक प्रश्रेपण किया.

24 December, 2025

LVM3-M6 Launching: ISRO ने बुधवार को अपने सबसे भारी रॉकेट LVM3-M6 के साथ अमेरिकी कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 का सफलतापूर्वक प्रश्रेपण किया. 24 घंटे की उलटी गिनती खत्म होने के बाद, LVM3-M6 श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 8.55 बजे शान से उड़ा. ISRO ने बताया कि लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद, रॉकेट पर सवार स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 के अलग होने और लगभग 520 किमी की ऊंचाई पर अपनी तय ऑर्बिट में पहुंचने की उम्मीद है.

समय में किया गया बदलाव

मंगलवार तक, ISRO ने सुबह 8.54 बजे लॉन्च का समय तय किया था. बुधवार को, लॉन्च का समय बदलकर सुबह 8.55 बजे कर दिया गया. ISRO ने बताया कि सैटेलाइट को मनचाही ऑर्बिट में रखने के लिए यह बदलाव किया गया. एक अधिकारी ने बताया, “पहले, लॉन्च का समय सुबह 11.30 बजे तय किया गया था, लेकिन इसे धीरे-धीरे बदला गया और आखिर में लॉन्चिंग के लिए सुबह 8.55 बजे का समय निर्धारित किया गया.” लॉन्च से पहले, ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने मंगलवार को तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की.

LVM3-M6 की खासियत

यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका की AST SpaceMobile (AST and Science, LLC) के बीच हुए कमर्शियल समझौते के तहत किया जा रहा है. न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ISRO की कमर्शियल शाखा है. LVM3 ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करेगा. यह सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. ISRO ने बताया कि यह 6,100 किलोग्राम का सैटेलाइट LVM3 रॉकेट द्वारा लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लॉन्च किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड है. इससे पहले, LVM-3 द्वारा लॉन्च किया गया सबसे भारी पेलोड CMS-03 कम्युनिकेशन सैटेलाइट था, जिसे ISRO ने 2 नवंबर को लॉन्च किया था.

मोबाइल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा ब्लूबर्ड-ब्लॉक 2

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 नई पीढ़ी के सैटेलाइट्स का हिस्सा है जो स्पेस-बेस्ड सेलुलर ब्रॉडबैंड सर्विस देता है. ये बिना किसी खास इक्विपमेंट के रेगुलर मोबाइल स्मार्टफोन से सीधे कनेक्टिविटी देता है. यह सैटेलाइट हर किसी के लिए, हर जगह, हर समय 4G और 5G वॉयस और वीडियो कॉल, टेक्स्ट, स्ट्रीमिंग और डेटा को मुमकिन बनाएगा. अभी फोन को 4G या 5G नेटवर्क एक्सेस करने के लिए मोबाइल टावर की ज़रूरत होती है, लेकिन इस सैटेलाइट के सफल लॉन्च के बाद टावरों की जरूरत खत्म हो सकती है.

यह भी पढ़ें- भारत की रक्षा शक्ति में नया अध्याय, आकाश-NG मिसाइल ने किया मल्टी-टार्गेट सफल परीक्षण

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?