25 दिसंबर 2023
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले दिनों संसद से पारित तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को मंजूरी दे दी। जिसके साथ ही तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल ने कानून का रुप ले लिया है। ये तीनों नए काननू अंग्रेजी काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
आपको बता दें कि संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का उद्देश्य पहले के कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाना है।
इनमें आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गयी है, राजद्रोह को अपराध के रूप में खत्म कर दिया गया है और राज्य के खिलाफ अपराध शीर्षक से एक नया खंड जोड़ा गया है।
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